राक्षस गण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- गिनती में गण तीन होते हैं जिन्हें क्रमश : देव गण , मानव गण तथा राक्षस गण कहा जाता है।
- यदि कन्या का राक्षस गण हो और वर का मनुष्य गण हो तो निःसंदेह वर की मृत्यु हो जाती है।
- शास्त्रों के अनुसार देव और मनुष्य में सम्बन्ध बन सकता है परंतु इनके लिए राक्षस गण वाले से विवाह को अशुभ (
- वैदिक ज्योतिष के अनुसार विशाखा नक्षत्र को वर्ण से शूद्र माना जाता है तथा वैदिक ज्योतिष इस नक्षत्र को राक्षस गण प्रदान करता है।
- जिन व्यक्तियों का जन्म राक्षस गण में हुआ हो , उन व्यक्तियों पर भी ऊपरी बाधा का प्रभाव जल्द होने की संभावनाएं बनती हैं।
- यहाँ तक की पत्रिका मिलाते समय , पुरुष यदि देव-गण का है तो कन्या को मनुष्य या फिर राक्षस गण का ही होना चाहिए तभी शादी निभेगी।
- शास्त्रों के अनुसार देव और मनुष्य में सम्बन्ध बन सकता है परंतु इनके लिए राक्षस गण वाले से विवाह को अशुभ ( Inauspicious ) बताया गया है।
- वैदिक ज्योतिष अश्लेषा नक्षत्र को राक्षस गण प्रदान करता है तथा अश्लेषा नक्षत्र के आचरण पर विचार करके इस निर्धारण को भी आसानी से समझा जा सकता है।
- वैदिक ज्योतिष के अनुसार कृतिका , अश्लेषा , मघ , चित्रा , विशाखा , ज्येष्ठा , मूल , धनिष्ठा तथा शतभिषा नक्षत्रों को राक्षस गण प्रदान किया गया है।
- सताइस नक्षत्रों में से नौ नक्षत्र देव गण से संबंध रखते हैं , नौ नक्षत्र मानव गण से संबंध रखते हैं तथा नौ नक्षत्र राक्षस गण से संबंध रखते हैं।