रागवृंत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- और एक दिन वे असीम दुःख से भर उट्ठे , जबकि उन्हें , रागवृंत के किसी अनन्य मित्र से , यह खबर मिली कि रागवृंत , डेढ़ वर्ष पहले ही अपनी बाल सखि , रति से प्रेम विवाह कर चुके हैं !
- और एक दिन वे असीम दुःख से भर उट्ठे , जबकि उन्हें , रागवृंत के किसी अनन्य मित्र से , यह खबर मिली कि रागवृंत , डेढ़ वर्ष पहले ही अपनी बाल सखि , रति से प्रेम विवाह कर चुके हैं !
- और एक दिन वे असीम दुःख से भर उट्ठे , जबकि उन्हें , रागवृंत के किसी अनन्य मित्र से , यह खबर मिली कि रागवृंत , डेढ़ वर्ष पहले ही अपनी बाल सखि , रति से प्रेम विवाह कर चुके हैं !
- रागवृंत और रति दैहिक / बौद्धिक सौंदर्य साम्य तथा मित्रवत साहचर्य के बावजूद एक दूसरे से पृथक हो गये हैं जबकि अनंग और मनीषा दैहिक / बौद्धिक सौंदर्य असाम्य और मित्रवत असाहचर्य के बावजूद अब भी एक दूसरे के साथ हैं !
- संतोष जी , रागवृंत और रति की जोड़ी के टूटने के कारण , उनके आपसी प्रेम / उनके आपसी सम्बन्ध की तुलना में अधिक तगड़े रहे होंगे ! अपना कहना भी यही है कि वहां प्रेम की उपस्थिति पर प्रश्न चिन्ह है !
- संतोष जी , रागवृंत और रति की जोड़ी के टूटने के कारण , उनके आपसी प्रेम / उनके आपसी सम्बन्ध की तुलना में अधिक तगड़े रहे होंगे ! अपना कहना भी यही है कि वहां प्रेम की उपस्थिति पर प्रश्न चिन्ह है !
- रागवृंत पाण्डेय और रति के लंबे सुदीर्घावधि सुखद मित्रवत साहचर्य की परिणति विवाह में हुई ! उनके एक पुत्री है किन्तु वैवाहिक जीवन के तीसरे वर्ष वे एक दूसरे से कानूनन तलाक ले चुके हैं , जबकि अनंग और मनीषा के अल्पावधि साहचर्य के बाद छल से हुए विवाह की परिणति एक सुखद पारिवारिक वैवाहिक जीवन है !
- अंततः किसी मल्टीनेशनल कम्पनी में एक शानदार पैकेज लेकर रागवृंत महोदय जीवन की अगली पारी खेलने के लिए तैयार ! उनके परिजन , कुलीन , सजातीय , समृद्ध परिवारों की सुकन्याओं के अनगिन छाया चित्रों और गृह नक्षत्रों में उनका भविष्य खोजने लगे ! इस कवायद में लगभग दो वर्ष यूंहीं गुज़रे , किन्तु रागवृंत के परिजन किसी समुचित निर्णय तक नहीं पहुँच सके ...
- अंततः किसी मल्टीनेशनल कम्पनी में एक शानदार पैकेज लेकर रागवृंत महोदय जीवन की अगली पारी खेलने के लिए तैयार ! उनके परिजन , कुलीन , सजातीय , समृद्ध परिवारों की सुकन्याओं के अनगिन छाया चित्रों और गृह नक्षत्रों में उनका भविष्य खोजने लगे ! इस कवायद में लगभग दो वर्ष यूंहीं गुज़रे , किन्तु रागवृंत के परिजन किसी समुचित निर्णय तक नहीं पहुँच सके ...
- मनोज जी , अच्छी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद ! रागवृंत और रति का प्रेम बाल सखा होने के समय का था तो कह नहीं सकते वह बालपन / युवापन में अनियोजित आकर्षण / अनियोजित प्रेम था कि नहीं पर ये सही है कि बालिग होने पर उनका प्रेम सोचा समझा था ! रागवृंत और रति का विवाह टूटने में सम्बन्धियों का कोई हाथ नहीं है !