रुकमिणी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अब क्या कुछ दिनों में बाजार में नाचेगी ! जब से वकील साहब ने निर्मला के हाथ में रुपये-पैसे देने शुरू किये, रुकमिणी उसकी आलोचना करने पर आरूढ़ हो गयी।
- रुकमिणी जो तुला राशि की होकर और राधा भी तुला राशि की होकर अपने को मित्र तथा प्रेम के रूप मे प्रस्तुत करने के बाद श्रीकृष्ण की शक्ति के रूप मे साथ रही।
- इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अभिवंचित वर्ग के बच्चों को स्कूल तक लाने में अहम योगदान करने के लिए पटना की श्रीमती रुकमिणी बनर्जी को प्रथम मौलाना आजाद शिक्षा पुरस्कार दो लाख रुपये नकद तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
- समूह की एक अन्य सदस्य रुकमिणी रमन दास , जो कोलंबिया की रहने वाली हैं , ने कहा कि हमने गंगा और अन्य नदियों को साफ रखने के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए विभिन्न किनारों पर पर्चे और पुस्तकें बांटे हैं।
- अगर वह कोठे पर चढ़ जाती या महरियों से बातें करती , तो छाती पीटने लगतीं-न लाज है , न शरम , निगोड़ी ने हया भून खाई ! अब क्या कुछ दिनों में बाजार में नाचेगी ! जब से वकील साहब ने निर्मला के हाथ में रुपये-पैसे देने शुरू किये , रुकमिणी उसकी आलोचना करने पर आरूढ़ हो गयी।
- अगर वह कोठे पर चढ़ जाती या महरियों से बातें करती , तो छाती पीटने लगतीं-न लाज है , न शरम , निगोड़ी ने हया भून खाई ! अब क्या कुछ दिनों में बाजार में नाचेगी ! जब से वकील साहब ने निर्मला के हाथ में रुपये-पैसे देने शुरू किये , रुकमिणी उसकी आलोचना करने पर आरूढ़ हो गयी।
- • आपही की राज्य की रुकमिणी के साथ केन्या में यौन शोषण होता हैं , यौन शोषण करनेवाला व्यक्ति गुजरात में बैठा हैं , गर आप चाहते तो मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात कर , उस व्यक्ति को सलाखों के पीछे ढकेल सकते थे , पर आपने अभी तक नरेन्द्र मोदी से बातचीत तक नहीं की , जबकि नरेन्द्र मोदी आप ही के पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं।
- वह उस पर सवार होकर उड़ना चाहती थी , उस उल्लासमयी विद्यत् गति का आनन्द उठाना चाहती थी, टट्टू के हिनहिनाने और कनौतियां खड़ी करने से क्या आशा होती? संभव था कि बच्चों के साथ हंसने-खेलने से वह अपनी दशा को थोड़ी देर के लिए भूल जाती, कुछ मन हरा हो जाता, लेकिन रुकमिणी देवी लड़कों को उसके पास फटकने तक न देतीं, मानो वह कोई पिशाचिनी है, जो उन्हें निगल जायेगी।
- वह उस पर सवार होकर उड़ना चाहती थी , उस उल्लासमयी विद्यत् गति का आनन्द उठाना चाहती थी , टट्टू के हिनहिनाने और कनौतियां खड़ी करने से क्या आशा होती ? संभव था कि बच्चों के साथ हंसने-खेलने से वह अपनी दशा को थोड़ी देर के लिए भूल जाती , कुछ मन हरा हो जाता , लेकिन रुकमिणी देवी लड़कों को उसके पास फटकने तक न देतीं , मानो वह कोई पिशाचिनी है , जो उन्हें निगल जायेगी।