लास्य नृत्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अमृत मंथन के पश्चात जब दुष्ट राक्षसों को अमरत्व प्राप्त होने का संकट उत्पन्न हुआ तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर अपने लास्य नृत्य के द्वारा ही तीनों लोकों को राक्षसों से मुक्ति दिलाई थी।
- अमृत मंथन के पश्चात जब दुष्ट राक्षसों को अमरत्व प्राप्त होने का संकट उत्पन्न हुआ तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर अपने लास्य नृत्य के द्वारा ही तीनों लोकों को राक्षसों से मुक्ति दिलाई थी।
- अमृत मंथन के पश्चात जब दुष्ट राक्षसों को अमरत्व प्राप्त होने का संकट उत्पन्न हुआ तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर अपने लास्य नृत्य के द्वारा ही तीनों लोकों को राक्षसों से मुक्ति दिलाई थी।
- मंदिर कलाओं मेंकूत्तु , कूडियाट्टम् , कथकळि , तुळ्ळल , तिटम्बु नृत्तम् , अय्यप्पन कूत्तु , अर्जुन नृत्तम् , आण्डियाट्टम् , पाठकम् , कृष्णनाट्टम् , कावडियाट्टम आदि प्रमुख हैं- इसके अंतर्गत मोहिनियाट्टम जैसा लास्य नृत्य भी आता है .
- प्रलयंकारी महाकाल शिव जब स्नेह और प्रेमरत होकर “ लास्य नृत्य ” करते हैं , तो नवनिर्माण होता है , जिससे कितनी रचनायें सम्पन्न हो जाती है तो कितनों की भूमिका तैयार हो जाती है-जो भविष्य के धरातल पर रची जायेगी।
- याद तेरी अब आई अरी वासना की व्याली लास्य नृत्य मुद्रा वाली रति मही पर सबको भाई अहम् , शक्ति, भय, वासना मोह, जीवन के आधार भू धारा शमशान किया सदियों से, क्या पाया .... रे मानव ....... अब तो बुद्ध बनो ....... !!!! -उत्पल कान्त मिश्रा