वचसा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वचसा सततं वदनीयम् लोकहितं मम करणीयम् ॥ध्रु॥ { मनसा = मनसे , सततं = सदा , वचसा = वाचासे या वाणीसे , वदनीयम् = बोलना चाहिए } न भोगभवने रमणीयम् ।
- वचसा सततं वदनीयम् लोकहितं मम करणीयम् ॥ध्रु॥ { मनसा = मनसे , सततं = सदा , वचसा = वाचासे या वाणीसे , वदनीयम् = बोलना चाहिए } न भोगभवने रमणीयम् ।
- वचसा सततं वदनीयम् लोकहितं मम करणीयम् ॥ध्रु॥ { मनसा = मनसे , सततं = सदा , वचसा = वाचासे या वाणीसे , वदनीयम् = बोलना चाहिए } न भोगभवने रमणीयम् ।
- इसका विवरण इस प्रकार से है : -“उरसा शिरसा दृष्टया मनसा वचसा तथा, पदभ्यां कराभ्यां जानुभ्यां प्रणामोऽष्टांग उच्च्यते” ( छाती मस्तक नेत्र मन वचन पैर जंघा और हाथ इन आठ अंगो के झुकाने से अष्टांग प्रणाम कियी जाता है।