वच्छ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वत्स के बच्चा या बछड़ा बनने का क्रम कुछ यूं रहा है- वत्स > वच्च > बच्च > बच्चा या फिर वत्स > वच्छ > बच्छ > बछड़ा ।
- वत्स के बच्चा या बछड़ा बनने का क्रम कुछ यूं रहा है- वत्स > वच्च > बच्च > बच्चा या फिर वत्स > वच्छ > बच्छ > बछड़ा ।
- अत : जनहित / न् यायहित में वर्तमान एसओजी को भंग किये जाने एवं योग् य एवं स् वच्छ छवि के कर्मचारियों की नयी एसओजी गठित किये जाने की संस् तुति की जाती है।
- ंही जूठन है | वच्छ को सरस क्षीर-फेन उर आनिये ||माछी ते महक है उछार सुनो जानै जग | इनमें न दोष यह निश्चै ग्रन्थ बानिये |ऐसे ही प्रगट काहु कुल मैं जु साधु होइ | सदा है स्वरूप शुद्ध पूज्य मन मानिये ||
- उत्तराखंड में भव् य हिमनद शाही बर्फ से ढके पहाड़ , मखमली घास के मैदान , मदमस् त चोटियां और स् वच्छ पहाड़ी झील , एमरल हरा घना जंगल जो दनदनेदार गहरी नालों , कल-कल करते असंख् य झरने और नदियां जो नीचे मैदान की ओर अपना रास् ता बनाती है।
- स रकार ने जननी सहयोग योजना के लिये निजी अस्पतालों को अभिप्रमाणित करने हेतु न्यूनतम 11 सुविधाओं की अनिवार्यता कही , जिसमें प्रमुख है प्रसव कक्ष , आपरे श न कक्ष , र्चोबीस घंटे स् वच्छ पेयजल , 20-30 बिछौने , 24 घंटे टेलीफोन सुविधा , एम्बुलैंस , इन्वर्टर , जेनरेटर आदि।
- अग्गि वच्छगोत्त सुत्त में बुद्ध ने निब्बाण को ऐसी अग्नि को बुझाने वाला बताया है जहां से जीविका के सभी साधन हटा दिये जाते हैं : “ गहन, वच्छ, इस क्रिया को देखना, समझना बहुत मुश्किल है, ये शांत है, निर्मल है, इसका अनुमान लगाया जाना नामुमकिन है, सूक्ष्म है और केवल बुद्धिमान ही इसका अनुभव करते हैं.”
- अग्गि वच्छगोत्त सुत्त में बुद्ध ने निब्बाण को ऐसी अग्नि को बुझाने वाला बताया है जहां से जीविका के सभी साधन हटा दिये जाते हैं : “ गहन , वच्छ , इस क्रिया को देखना , समझना बहुत मुश्किल है , ये शांत है , निर्मल है , इसका अनुमान लगाया जाना नामुमकिन है , सूक्ष्म है और केवल बुद्धिमान ही इसका अनुभव करते हैं . ”
- अग्गि वच्छगोत्त सुत्त में बुद्ध ने निब्बाण को ऐसी अग्नि को बुझाने वाला बताया है जहां से जीविका के सभी साधन हटा दिये जाते हैं : “ गहन , वच्छ , इस क्रिया को देखना , समझना बहुत मुश्किल है , ये शांत है , निर्मल है , इसका अनुमान लगाया जाना नामुमकिन है , सूक्ष्म है और केवल बुद्धिमान ही इसका अनुभव करते हैं . ”