वलभी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- १२वीं शताब्दी में पाटलिपुत्र , कान्यकुब्ज, वलभी, उज्जयिनी, काशी इत्यादि समृद्धिशाली नगरों की उदात्त स्वर्णिम परम्परामें गुजरात के अणहिलपुर ने भी गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
- १२वीं शताब्दी में पाटलिपुत्र , कान्यकुब्ज, वलभी, उज्जयिनी, काशी इत्यादि समृद्धिशाली नगरों की उदात्त स्वर्णिम परम्परामें गुजरात के अणहिलपुर ने भी गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
- ऋग्वेद भाष्य के प्रथमाष्टक के अन्त में प्राप्त श्लोक से पता चलता है कि स्कन्द स्वामी गुजरात के वलभी के रहने वाले थे ।
- इस प्रकार वलभी वाचना के फलस्वरूप अर्धमागधी जैनागम के 45 ग्रंथ व्यवस्थित हो गए जो आज भी उपलब्ध हैं , तथा जिनका संक्षेप में परिचय निम्न प्रकार है :
- १ २ वीं शताब्दी में पाटलिपुत्र , कान्यकुब्ज , वलभी , उज्जयिनी , काशी इत्यादि समृद्धिशाली नगरों की उदात्त स्वर्णिम परम्परामें गुजरात के अणहिलपुर ने भी गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
- १ २ वीं शताब्दी में पाटलिपुत्र , कान्यकुब्ज , वलभी , उज्जयिनी , काशी इत्यादि समृद्धिशाली नगरों की उदात्त स्वर्णिम परम्परामें गुजरात के अणहिलपुर ने भी गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
- अंतिम वाचना महावीरनिर्वाण के १ , ००० वर्ष बाद, ईसवी सन् की छठी शताब्दी के आरंभ में, देवर्धिगणि क्षमाक्षमण के अधिनायकत्व में वलभी (वला, काठियावाड़) में हुई जब जैन आगम वर्तमान रूप में लिपिबद्ध किए गए।
- अंतिम वाचना महावीरनिर्वाण के १ , ००० वर्ष बाद, ईसवी सन् की छठी शताब्दी के आरंभ में, देवर्धिगणि क्षमाक्षमण के अधिनायकत्व में वलभी (वला, काठियावाड़) में हुई जब जैन आगम वर्तमान रूप में लिपिबद्ध किए गए।
- जैसे , वेराज के मेरु, मंदर, विमान, भद्रक, सर्वतोभद्र, रुचक, नंदन, नंदिवर्धन और श्रीवत्स; पुष्पक के वलभी, गृहराज, शालागृह, मंदिर, विमान, ब्रह्ममंदिर, भवन, उत्तंभ और शिविकावेश्म; कैलास के वलय, दुंदुभि, पद्म, महापद्म, भद्रक सर्वतोभद्र; रुचक, नंदन, गुवाक्ष या गुवावृ
- अन्त में महावीर निर्वाण के लगभग ९ ८ ० वर्ष पश्चात् वलभी में देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण द्वारा जो मुनि-सम्मेलन किया गया उसमें कोई ४ ५ - ४ ६ ग्रन्थों का संकलन हुआ , और ये ग्रन्थ आजतक सुप्रचलित हैं।