वह्नि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दिवस लग्न अनुकूल वह्नि के , पौरुष-पूर्ण गुणॉ के.
- ‘टकरायेंगे नक्षत्र-निकर , बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर,
- मैंने स्तुति की- " हे वन्य वह्नि की तन्वि-नवल,
- टकरायेंगे नक्षत्र-निकर , बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर,
- किसने कहा , और मत बेधो हृदय वह्नि के शर से
- वह्नि , बाढ़, भूकंप तुम्हारे विपुल सैन्यदल
- यही कारण है कि वह्नि व्यभिचारी या व्याप्यत्वासिद्ध माना जाता है।
- मित्रविन्दा : वृक, हर्ष, अनिल, गृध्र, वर्धन, अन्नाद, महांस, पावन, वह्नि और क्षुधि।
- इसलिए धूम में वह्नि की “अन्वय” और “व्यतिरेक” दोनों व्याप्तियाँ रहती हैं।
- उसी प्रकार धूम एवं वह्नि में भी कोई कार्यकारण भाव नहीं है।