वाज़ह का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वाज़ह हो कि अबू लहब मुहम्मद के मुखलिस चचा थे जिन्होंने यतीम पैदा होने वाले भतीजे के लिए अपनी लौंडी को आज़ाद कर दिया था और उसे इनके लिए दूध पिलाई की नौकरी दे दी थी।
- वाज़ह हो कि यूरोप के फ़लसफ़ियों ने हिन्दुस्तान के फ़लसफ़े के मुख्तलिफ़ मदारिस से जिन्हें इस्तलाह में ‘ दर्शन ‘ कहते हैं , बहुत कुछ इस्तफ़ादह किया है और यहां के पुराने फ़लसफ़ियों की मन्तक़ी मूशगाफ़ियों का ऐतराफ़ किया है।
- क़सम है इस किताब वाज़ह की , कि हमने इसको बरकत वाली रात को उतारा है और हम आगाह करने वाले थे , इस रात में हर हिकमत वाला मुआमला हमारी पेशी से हुक्म होकर तय किया जाता है .
- सारे नेता एक जेसे हैं लेकिन कोंन समझाए अपने लोगो को की एसा नेता मत चुनो लेकिन उन्होने हम सब को धर्म के नाम पे बात दिया है जिसकी वाज़ह से हम लोग दिन बा दिन पीछे होते जा रहे हैं . ....
- “ बेशक हम मुर्दों को जिंदा कर देंगे और हम लिखे जाते हैं वह आमाल भी जिन को लोग आगे भेजते जाते हैं और उनके वह आमाल भी जो पीछे छोड़ जाते हैं और हम ने हर चीज़ को एक वाज़ह किताब में दर्ज कर दिया है , ”
- ये आयतें हैं कुरआन की जो कि एक गैर वाज़ह किताब है और इस में सब कुछ मुज़ब्ज़ब है जिसमे अल्लाह के रसूल को बात कहने का सलीका तक नहीं है , आयातों में कोई दम नहीं है , जो कुछ है सब मुहम्मद का बका हुआ झूट है .
- इस मज़मून से यह बात अच्छी तरह वाज़ह हो जाती है कि दुनिया में जो लोग गुरू बने बैठे हैं वे इन्सान की ज़रूरतों को ठीक से जानते तक नहीं हैं कि उसके बदन को क्या चाहिए ? जब वे बदन की ज़रूरतों को ही नहीं जानते तो वे उन्हें पूरा करने का रास्ता और तरीक़ा कैसे बता सकते हैं ?
- एक तानाशाह गया और दूसरा तानाशाह आ रहा है | अभी तो सिर्फ़ दर और धमकी की वाज़ह से ही लोगो ने एक बार देखने के लीय भो ट दिया है | अगर जनता और देश के लीय कुछ करना है तो कर्म करो भारत बिरोधी नारा से देश का भला नही नुक़सान ही है अगर देखा जाए तो नेपाल से ज़्यादा नेपाल भाषी भारत मे है |
- ( (( -आपने माविया को होशियार करना चाहा है के यह ख़ूने उस्मान का मुतालबा कोई नया नहीं है , तुझसे पहले अहले जमल यह काम कर चुके हैं और उनका झूठ वाज़ह हो चुकाा है , और वह दुनिया व आखि़रत की रूसवाई मोल ले चुके हैं , अब तुझे दोबारा ज़लील व ख़्वार होने का ‘ ाौक़ क्यों पैदा हुआ है , तेरा रास्ता रूसवाई और ज़िल्लत के सिवा कुछ नहीं है- )))
- हम तो यह कहना चाहते हैकी की ये जो कोशी की बढ़ आई है यह सब लापरवाही के वाज़ह हुआ है जिस के चलते आज बिहार की लाखों लोग ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहें हैं | कास अगर सही वक़्त पर इसका मरमत कर लिया जाता तो आज ऐसा दिन नही देखना पड़ता| यह तो सभी को पता था की जिस दिन कोशी की बाँध टूटेगी उस दिन पूरे कोशी बेल्ट एक बार फिर कोसी नदी मे समाजाएेगी |