वामनपुराण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वामनपुराण में कूर्म कल्प के वृतान्त का वर्णन है और त्रिवर्ण की कथा है।
- वामनपुराण में कूर्म कल्प के वृतान्त का वर्णन है और त्रिवर्ण की कथा है।
- - वामनपुराण खण्ड 1 श्लोक 58 , 68 ,70 ,72 , पृष्ठ 412 से 413 तक
- वामनपुराण में काशीपुरी की परिक्रमा का उल्लेख है जो वर्तमान के ' पंचकोशी ' परिक्रमा के रुप में प्रसिद्ध है ।
- पाताल लोक के सप्तगोदावरी क्षेत्र में होने की पुष्टि वामनपुराण के इस श्लोक से होती है - “ पर्जन्यं तत्र चामंत्रय प्रेषयित्वा महाश्रमे।
- १४ . वामनपुराण : विष्णु के वामन अवतार संबंधित यह दस हजार श्लोकों का पुराण शिवलिंग पूजा, गणेश -स्कन्द आख्यान, शिवपार्वती विवाह आदि विषयों से भरा हुआ है।
- १४ . वामनपुराण : विष्णु के वामन अवतार संबंधित यह दस हजार श्लोकों का पुराण शिवलिंग पूजा, गणेश -स्कन्द आख्यान, शिवपार्वती विवाह आदि विषयों से भरा हुआ है।
- पद्मपुराण , वराहपुराण , मत्स्यपुराण , ब्रह्मांडपुराण , वायुपुराण , वामनपुराण , वायुपुराण , नारदीयपुराण , हरिवंशपुराण एवं विष्णुपुराण तथा कालिदासकृत ' कुमारसंभव ' में भी कोसी नदी का नामोल्लेख और इसके विविध प्रसंगों का वर्णन मिलता है।
- पद्मपुराण , वराहपुराण , मत्स्यपुराण , ब्रह्मांडपुराण , वायुपुराण , वामनपुराण , वायुपुराण , नारदीयपुराण , हरिवंशपुराण एवं विष्णुपुराण तथा कालिदासकृत ' कुमारसंभव ' में भी कोसी नदी का नामोल्लेख और इसके विविध प्रसंगों का वर्णन मिलता है।
- मुख्य अंतर यह है कि वराहमिहिर के अनुसार ह्रदय का क्षेत्र कालपुरुष के चौथे भाव पर पड़ता है जो कर्क राशि है , जबकि वामनपुराण के अनुसार यह कालपुरुष के पांचवें भाव पर पड़ता है, यहाँ सिंह राशि है.