विमान विद्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसमें संशय नहीं कि आज विमान विद्या अत्यंत विकसित अवस्था में पहॅंच चुकी है ।
- उदानवायु को वायु-प्रतिबन्धक यन्त्र से रोका जाय तो वह विमान विद्या में काम आता है।
- विमान के प्रकार- विमान विद्या के पूर्व आचार्य युग के अनुसार विमानों का वर्णन करते है।
- परंतु महाभारत काल तथा उससे पूर्व भारतवर्ष में भी विमान विद्या का विकास हुआ था ।
- उदान वायु को वायु प्रतिबन्धक वस्त्र में रोका जाए तो यह विमान विद्या में काम आता है।
- मिवामन के प्रकार - विमान विद्या के पूर्व आचार्य युग के अनुसार विमानों का वर्णन करते हैं ।
- विमान शास्त्र : - विमान विद्या अत्यंत प्राचीन समय से ही भारत में बहुत ही प्रगत अवस्था में था।
- कष्यप , नंदीष , घुंडीनाथ , परशुराम , दीर्घतमस , द्रोण आदि ऐसे प्रमुख नाम हैं जिन्होनें विमान विद्या
- इस ऋषियों ने विमान विद्या , नक्षत्र विज्ञान , भौतिक विज्ञान , रसायन विज्ञान , धातुकर्म , आदि अनेक क्षेत्रों में शोध किया।
- उदान वायु ( H 2 ) को वायु प्रतिबन्धक वस्त्र ( गुब्बारा ) में रोका जाए तो यह विमान विद्या में काम आता है।