व्यतीपात योग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मौनी अमावस्या , इस पवीत्र तीथी पर मौन रह कर, तथा मुनीओं के समन आचरण पूर्वक स्नान दान करने का वीशेष महत्त्व है, इस दीन त्रिवेणी तथा गंगा तट पर स्नान दान की अपर महीमा है, इस दीन सोम वर हो तो इसका महत्त्व बढ़ जाता है, और इस दीन यदी रविवार, व्यतीपात योग या शरवन नक्षत्र हो (जैसे की श्रवण नक्षत्र है सुबह 8:28 तक) तो अर्धोदय योग होता है, इस योग में सभी स्थानों का जल गंगा तुल्य हो जाता है
- भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की तृतीया तिथि , शनिवार , कृतिका नक्ष्ज्ञत्र , व्यतीपात योग , विष्टि करण , भद्रा के मध्य में कुलिक मूहूर्त में वास्तु की उत्पत्ति हुई उसके भंयकर गर्जना से चकित होकर ब्रह्मा ने कहा जो भी व्यक्ति ग्राम , नगर , दुर्ग , यरही , मकान , प्रसाद , जलाशय , उद्यान के निर्माणारम्भ के समय मोहवश आपकी उपासना नहीं करेगा या आपके यंत्र को स्थापित नहीं करेगा वह पग-पग बांधाओं का सामना करेगा और जीवन पर्यंत अस्त-व्यस्त रहेगा।
- भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की तृतीया तिथि , शनिवार , कृतिका नक्ष्ज्ञत्र , व्यतीपात योग , विष्टि करण , भद्रा के मध्य में कुलिक मूहूर्त में वास्तु की उत्पत्ति हुई उसके भंयकर गर्जना से चकित होकर ब्रह्मा ने कहा जो भी व्यक्ति ग्राम , नगर , दुर्ग , यरही , मकान , प्रसाद , जलाशय , उद्यान के निर्माणारम्भ के समय मोहवश आपकी उपासना नहीं करेगा या आपके यंत्र को स्थापित नहीं करेगा वह पग-पग बांधाओं का सामना करेगा और जीवन पर्यंत अस्त-व्यस्त रहेगा।