शतधा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- राजपाट छोड़ते समय राम को दु : ख नहीं हुआ ; किंतु गोदावरी के किनारे सीता और लक्ष्मण के साथ मनायु हुए आनंद का अंत होते ही राम का हृदय एमदम शतधा विदीर्ण हो गया।
- पूछ “सखियाँ पूछेंगी ही स्वामिनि कैसे बीती रजनी ? ” बोले “दर्पण में निज कपोल चूमना ललक शतधा सजनी ।” है वही कृष्ण-वारुणी पिए बावरिया बरसाने वाली - क्या प्राण निकलने पर आओगे जीवन वन के वनमाली।।
- क्यों ? वह स्वयं बताता है कि पुंजिकस्थला नामक अप्सरा को नग्न कर बलात्कार ( मया भुक्ता कृता विवसना तत : ) करने पर ब्रह्मा ने मुझे शाप दिया था - अद्यप्रभृति यामन्यां बलान्नारीं गमिष्यसि , तदा ते शतधा मूर्धा फलिष्यति न संशय : ।
- जी हां , शतधा प्रतिबद्ध हूं पढ़कर लहालौट होने वालों को उन्होंने यह कह कर चौंका दिया कि तुमसे क्या झगड़ा है/ हमने तो रगड़ा है/ इनको भी, उनको भी, उनको भी, उनको भी! /दोस्त है, दुश्मन है/खास है, कामन है/ छांटो भी, मीजो भी/ धुनको भी! उन्होंने कलावादियों को भी जम कर धोया।
- जी हां , शतधा प्रतिबद्ध हूं पढ़कर लहालौट होने वालों को उन्होंने यह कह कर चौंका दिया कि तुमसे क्या झगड़ा है/ हमने तो रगड़ा है/ इनको भी, उनको भी, उनको भी, उनको भी! /दोस्त है, दुश्मन है/खास है, कामन है/ छांटो भी, मीजो भी/ धुनको भी! उन्होंने कलावादियों को भी जम कर धोया।
- प्रतिबद्ध हूँ , जी हाँ , प्रतिबद्ध हूँ बहुजन समाज की अनुपल प्रगति के निमित्त संकुचित ‘ स्व ' की आपाधापी के निषेधार्थ अविवेकी भीड़ की ‘ भेड़िया-धसान ' के खिलाफ अंध-बधिर ‘ व्यक्तियों ' को सही राह बतलाने के लिए अपने आप को भी ‘ व्यामोह ' से बारंबार उबारने की खातिर प्रतिबद्ध हूँ , जी हाँ , शतधा प्रतिबद्ध हूँ !
- प्रतिबद्ध हूँ , जी हाँ , प्रतिबद्ध हूँ बहुजन समाज की अनुपल प्रगति के निमित्त संकुचित ‘ स्व ' की आपाधापी के निषेधार्थ अविवेकी भीड़ की ‘ भेड़िया-धसान ' के खिलाफ अंध-बधिर ‘ व्यक्तियों ' को सही राह बतलाने के लिए अपने आप को भी ‘ व्यामोह ' से बारंबार उबारने की खातिर प्रतिबद्ध हूँ , जी हाँ , शतधा प्रतिबद्ध हूँ !
- प्रतिबद्ध हूं , जी हां प्रतिबद्ध हूं बहुजन समाज की अनुपल प्रगति के निमित्त संकुचित स्व की आपाधापी के निषेधार्थ अविवेकी भीड़ की भेड़िया-धसान के खिलाफ अंध बधिर व्यक्तियांे को सही राह बतलाने के लिए अपने आप को भी व्यामोह , से बारंबार उबारने के लिए प्रतिबद्ध हूं जी हां शतधा प्रतिबद्ध हूं प्रतिबद्धता का एक रूप शासक संरचना से आबद्ध और संबद्ध हो सकता है तो दूसरा रूप जनपक्षधरता से।
- जिस तरह अन्ना देश के लिए , जनता के लिए प्रतिबद्ध होने की घोषणा कर रहे हैं, नागाजरुन ने भी प्रतिबद्ध की घोषणा की थी- 'प्रतिबद्ध हूं, जी हां, प्रतिबद्ध हूं-/ बहुजन समाज की अनुपल प्रगति के निमित्त-/ संकुचित 'स्व' की आपाधापी के निषेधार्थ/अविवेकी भीड़ की 'भेड़िया-धसान' के खिलाफ/ अंध-बधिर 'व्यक्तियों' को सही रास्ता बतलाने के लिए/ अपने आपको भी 'व्यामोह' से बारम्बार उबारने की खातिर/ प्रतिबद्ध हूं; जी हां, शतधा प्रतिबद्ध हूं!'
- अपनी एक कविता “प्रतिबद्ध हूँ” में उन्होंने दो टूक लहजे में अपनी दृष्टि को स्पष्ट किया है- प्रतिबद्ध हूँ , जी हाँ, प्रतिबद्ध हूँ- बहुजन समाज की अनुपल प्रगति के निमित्त- संकुचित ‘स्व' की आपाधापी के निषेधार्थ अविवेकी भीड़ की ‘भेड़िया-धसान' के खिलाफ अंध-बधिर ‘व्यक्तियों' को सही राह बतलाने के लिए अपने आप को भी ‘व्यामोह' से बारंबार उबारने की खातिर प्रतिबद्ध हूँ, जी हाँ, शतधा प्रतिबद्ध हूँ! नागार्जुन का संपूर्ण काव्य-संसार इस बात का प्रमाण है कि उनकी यह प्रतिबद्धता हमेशा स्थिर और अक्षुण्ण रही, भले ही उन्हें विचलन के आरोपों से लगातार नवाजा जाता रहा।