शमीक ऋषि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कथा है कि राजा परीक्षित एक बार शिकार के लिए निकले थे और जल की खोज में वेे शमीक ऋषि के आश्रम में पहुंच गए।
- शिष्यों समेत शमीक ऋषि उधर से निकले तो इस महानाश के बीच दो पक्षि शावकों को एक गज घंटा के पास चहचहाते देखा गया ।
- कुछ समय बाद शमीक ऋषि के समाधि टूटने पर उनके पुत्र ऋंगी ऋषि ने उन्हें राजा परीक्षित के कुकृत्य और अपने श्राप के विषय में बताया।
- वन्य पशुओं के पीछे दौड़ने के कारण वे प्यास से व्याकुल हो गये तथा जलाशय की खोज में इधर उधर घूमते घूमते वे शमीक ऋषि के आश्रम में पहुँच गये।
- श्रीमद्भागवत की कथा की शुरुआत ऐसे होती है कि राजा परीक्षित ने जंगल में अहंकारवश एक मरा हुआ सर्प तपस्या में लीन शमीक ऋषि के गले में डाल दिया .
- इसी ताल के किनारे एक ऊंचे टीले को अर्जुन के पोते राजा परीक्षित ने शमीक ऋषि के गले में मृत साँप डालने के पश्चातापस्वरूप भगवद्भजन के लिए चुना था .
- वहाँ से परीक्षित महाराज आगे गए तो हिरनों का पीछा करते शिकार करते हुए , उनको बहुत जोर की प्यास लगी तो उन्होंने सोचा चलो यहीं पर शमीक ऋषि का आश्रम हैं।
- शमीक ऋषि तो ध्यान में लीन थे उन्हें ज्ञात ही नहीं हो पाया कि उनके साथ राजा ने क्या किया है किन्तु उनके पुत्र ऋंगी ऋषि को जब इस बात का पता चला तो उन्हें राजा परीक्षित पर बहुत क्रोध आया।