शरदऋतु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ग्रीष्मऋतु कहने से ही प्रचंड गमीZ का बोध होता है , वषाZऋतु से मूसलाधार वृिष्ट का तथा शरदऋतु कहने से उस मौसम का बोध होता है , जब अत्यधिक ठंड से लोग रजाई के अंदर रहने में सुख महसूस करें।
- सोए हुए अंधकार की क्रीड़ा चल रही हो ; कहीं शरदऋतु के शुभ्र मेघों की पीछे से इधर-उधर आसमान दीख रहा हो और कहीं ऐसा मालूम होता है , मानो महादेवजी के भस्म-भूषित शरीर पर कृष्ण सर्पों के आभूषण धारण करा दिए हों।
- जैसे तुषाररूपी वज्र कमलों को नष्ट-भ्रष्ट कर देता है , जैसे आँधी शरदऋतु की ओस को ( पत्तों के सिरे पर लटक रहे जलकण को ) नष्ट कर देती है और जैसे नदी तटके वृक्ष को उखाड़ देती है , वैसे ही वृद्धावस्था शरीर को नष्ट कर डालती है।।
- जैसे शरदऋतु में वृष्टि करने में अनिच्छुक मेघमालाएँ उन्नत पर्वत में स्थित होती हैं , स्वच्छता को प्राप्त होती हैं और शान्त हो जाती हैं , वैसे ही इस ग्रन्थ का विचार करने से विषयों में तृष्णारहित सौम्य पुरुष चंचलतारहित उन्नत स्वात्मपद में स्थित हो जाते हैं , शुद्धि को प्राप्त होते हैं और शान्त होते हैं।
- जैसे शरदऋतु में कमल के सौन्दर्य , सुगंध आदि गुण शोभा से दैदीप्यमान रहते हैं , किन्तु हेमन्त ऋतु में वे सब नष्ट हो जाते हैं , फिर उनसे न चित्त को शांति मिलती है और घ्राणेन्द्रिय को तृप्ति ही मिलती है , वैसे ही यौवनावस्था में मनुष्य के जो कौमार्य और सौन्दर्य आदि गुणगण शोभा से उज्जवल रहते हैं , वे वृद्धावस्था में भाग्यवश विनष्ट होकर दुर्लभ हो जाते हैं , इसलिए उनमें विश्वास करना उचित नहीं है।