शिक्षणालय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यद्यपि ' शिक्षणालय ' के नियमानुसार उनकी आयु दो- तीन वर्ष कम थी , पर किसी प्रकार अधिकारियों को राजी कर लिया गया।
- 1855 में लेडी डफ़रिन फ़ंड की स्थापना हुई थी , जिसकी सहायकता से कई अस्पतालों के साथ उपचर्या के शिक्षणालय खोले गए और उनमें भारत की स्त्री नर्सों के प्रशिक्षण का श्रीगणेश हुआ।
- 1855 में लेडी डफ़रिन फ़ंड की स्थापना हुई थी , जिसकी सहायकता से कई अस्पतालों के साथ उपचर्या के शिक्षणालय खोले गए और उनमें भारत की स्त्री नर्सों के प्रशिक्षण का श्रीगणेश हुआ।
- सैन्य जीवन से मोह होने के कारण उन्होंने न्यूयार्क के सैनिक शिक्षणालय में जाना चाहा लेकिन आँख कमजोर होने के कारण अन्य सभी दृष्टियों से योग्य होते हुए भी वे न जा सके।
- सैन्य जीवन से मोह होने के कारण उन्होंने न्यूयार्क के सैनिक शिक्षणालय में जाना चाहा लेकिन आँख कमजोर होने के कारण अन्य सभी दृष्टियों से योग्य होते हुए भी वे न जा सके।
- एक छोटे कस्बे का नगर के रूप में बढ़ना , प्राथमिक पाठशाला का माध्यमिक तथा उच्च शिक्षणालय के रूप में सम्मुख आना, छोटे से पूजा स्थल का मंदिर या देवालय की अवस्था प्राप्त करना विकास के उदाहरण हैं।
- यह बात तो इतिहास के अनुभव के बिलकुल विरुद्ध जान पड़ती है कि भारतवर्ष राजनीति , शिक्षा , सुशासन , गणित , ज्योतिष , भूगोल , शिल्प , रसायन आदि में सम्पूर्ण संसार का शिक्षणालय था , जिसने सब प्रकार के विषयों में पूर्ण उन्नति कर ली थी और उसके लिए कोई विषय सीखने के लिए नहीं बचा था और न किसी विषय में कुछ उन्नति करने को रह गई थी .
- इसी दौरान कुछ प्रमुख भारतीयों ने दो प्रकार की शिक्षण संस्थानों की स्थापना की ( क ) पारंपरिक संस्थाएं ( जैसे देवबंद एवं लखनऊ शिक्षणालय , गुरूकुल कांगड़ी , काशी विद्यापीठ , गुजरात विद्यापीठ तथा जामिया मिल्लिया इस्लामियाँ ) इनकी स्थापना अंग्रेजी राज के दौरान उनकी शैक्षणिक आकांक्षा को धयान में रख कर की गई ( ख ) आधुनिक संस्थाएँ जैसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय , बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय , विश्व भारती , शांतिनिकेतन इत्यादि।
- इसके बाद सपे्र जी प्रश्न करते हैं कि ÷÷क्या इसी प्रकार के पॉलिश चढ़ाये हुए चित्र से भारत का सत्य स्वरूप प्रकाशित हो जाएगा ? ” उन्होंने यह भी लिखा है कि ÷÷यह बात तो इतिहास के अनुभव के बिलकुल विरुद्ध जान पड़ती है कि भारतवर्ष राजनीति, शिक्षा, सुशासन, गणित, ज्योतिष, भूगोल, शिल्प, रसायन आदि में सम्पूर्ण संसार का शिक्षणालय था, जिसने सब प्रकार के विषयों में पूर्ण उन्नति कर ली थी और उसके लिए कोई भी विषय सीखने को न बचा था और न किसी विषय में कुछ उन्नति करने को रह गयी थी।