शीरीनी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस इल्म की सबसे ज़्यादा अहमियत यह है कि दुनिया की हर ज़बान अपनी ख़ुसूसीयात में एक ख़ुसूसीयत यह भी रखती है कि उसका तर्ज़े अदा , लहज- ए- बयान दूसरी ज़बानों से मुख़्तलिफ़ होता है और यही लहजा उस ज़बान की शीरीनी , चाशनी और उसकी लताफ़त का पता देता है।
- तो जो लोग तोशा ग्यारहवीं , मीलाद शरीफ़ , बुज़ुर्गों की फ़ातिहा , उर्स , शहादत की मजलिसों वग़ैरह की शीरीनी , सबील के शरबत को वर्जित कहते हैं , वो इस आयत का ख़िलाफ़ करके गुनाहगार होते हैं और इसको अवैध कहना अपनी राय को दीन में दाख़िल करना है और यही बिदअत और गुमराही है .
- और कुछ लोग हलाल चीज़ों को हराम ठहराने पर तुले हुए हैं , जैसे मीलाद की महफ़िल को , फ़ातिहा को , ग्यारहवीं को और ईसाले सवाब के दूसरे तरीक़ों को , कुछ मीलाद शरीफ़ और फ़ातिहा व तोशा की शीरीनी और तबर्रूक को , जो सब हलाल और पाक चीज़ें हैं , नाजायज़ और वर्जित बताते हैं .
- उन्हें बुला लो वे बोले , उसने , यानी मैंने , ठीक ही किया है , शादी अच्छी है , मोहन पैसे शिक्षा से सम्पन्न है और उसे यानी मुझे विदेश की सैर कराता है और वह , यानी मैं , जरूर लायी होगी वह जापानी मिठाई जो सेहतमंद है और ज्यादा शीरीनी नहीं और तुम्हें पता है मुझे मीठा चाहिए ही चाहिए , कुछ और न हो तो गुड़ की ढेली दे दो या चीनी फांक लूं।
- तुम्हारी आवाज़ पे ठहर जाता हूँ ख़ामोश निगाहों से डर जाता हूँ तुम्हारे होने का एहसास ही तो है तुम ही तुम हो जिधर जाता हूँ दरवाज़े पे दस्तक सुकूँ दे रही है हर-बार उम्मीद से भर जाता हूँ होंठों की हंसी हो या आवाज़ शीरीनी हर एक अदा पे मर जाता हूँ मुझे पता है वहाँ तुम नहीं हो मै उन्ही गलियों में मगर जाता हूँ क्या तेरा रास्ता क्या मेरा रास्ता हो जहाँ सुकूँ मै गुज़र जाता हूँ तुम अपनी पेशानी पे ज़ोर न दो सिलवटें देखकर मै सिंहर जाता हूँ