षडानन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- च् + अ = ज् अच् + अंत = अजंत ट् + आ = डा षट् + आनन = षडानन
- च् + अ = ज् अच् + अंत = अजंत ट् + आ = डा षट् + आनन = षडानन
- षडानन ! भगवान विष्णु के भक्त जागरणसहित एकादशी व्रत करते हैं, इसलिए वे मुझे सदा ही विशेष प्रिय हैं ।
- षडानन ! जो मुख में, मस्तक पर तथा शरीर में भगवान की प्रसादभूता तुलसी को प्रसन्नतापूर्वक धारण करता हैं, उसे कलियुग नहीं छूता।
- भगवान षडानन स्कन्द कुमार शिव व माँ पार्वती के पुत्र के चित्र की पूजा करके मंत्र का एक लाख पच्चीस हजार जप करने से भी योग्य वर की प्राप्ति संभव है।
- स्वयं ही गिरे पंख को श्री भवानी वात्सल्य के वश , कमल दल अलग कर बना निज लिया धार अवतंस मानी शिव शशि प्रभा से त्ा धौत जिसके नयन, षडानन का शिखि वहां पाना पर्वत गुहा ध्वनित घन गर्जना से स्वयं की , उसे तुम वहां पर नचाना शब्दार्थ ...
- वहाँ पर स्वयं पुण्य घन व्योम गंगा सलिल सिक्त तुम पुष्प वर्षा विमल से नियतवास स्कन्द को देवगिरि पर प्रथम पूजना मित्र कुछ और चल के षडानन वही इन्द्र की सैन्य रक्षार्थ जिनको स्वयं शम्भु ने था बनाया रवि से प्रभापूर्ण , अति तेज वाले जिन्होंने अनल मुख से था जन्म पाया
- संस्कृत ग्रंथ अमरकोष के अनुसार कार्तिकेय जी के नाम बताए गए हैं - स्कंद , भूतेश , भगवत , महासेन , पार्वतीनन्दन , शरजन्मा , षडानन , सेनानी , अग्निभू , गुह , बाहुलेय , तारकजित , कुमार , क्रौञ्चदारण , विशाख , शिखिवाहन , कौमारिकी और शक्तिश्वर कहा गया है .
- संस्कृत ग्रंथ अमरकोष के अनुसार कार्तिकेय जी के नाम बताए गए हैं - स्कंद , भूतेश , भगवत , महासेन , पार्वतीनन्दन , शरजन्मा , षडानन , सेनानी , अग्निभू , गुह , बाहुलेय , तारकजित , कुमार , क्रौञ्चदारण , विशाख , शिखिवाहन , कौमारिकी और शक्तिश्वर कहा गया है .
- शिव को पंचानन कहते हैं - अर्थात पाँच सिर वाले भगवान | ये पाँच सिर प्रकृति के पाँच महाभूतों के प्रतीक हैं | जब इन पंचभूतों का मिलन छंटे , यानि चैतन्य शक्ति से हुआ , तब उन्होंने षडानन ( छह सिर वाले ) को जन्म दिया | इन्हें भगवान कार्तिकेय भी कहते हैं |