सन्धिशोथ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- 5 . जीर्णआमवात , सन्धिशोथ में इसे पीसकर लेप करने से शोथ और पीडा का नाश होता है।
- 2 . गठिया रूप सन्धिशोथ - यह रोग जीवाणुओं के संक्रमण द्वारा पैदा होता है जिसके कारण जोड़ों में तेज दर्द और सूजन पैदा हो जाती है।
- अनुभव बताता है कि कशेरुका सन्धिशोथ , जानु सन्धिशोथ तथा कमर दर्द जैसी कुछ रोगावस्थाएँ शारीरिक श्रम एवं दिन का काम खत्म करने पर शाम को बढ़ते हैं।
- अनुभव बताता है कि कशेरुका सन्धिशोथ , जानु सन्धिशोथ तथा कमर दर्द जैसी कुछ रोगावस्थाएँ शारीरिक श्रम एवं दिन का काम खत्म करने पर शाम को बढ़ते हैं।
- अनुभव बताता है कि कशेरुका सन्धिशोथ , जानु सन्धिशोथ तथा कमर दर्द जैसी कुछ रोगावस्थाएँ शारीरिक श्रम एवं दिन का काम खत्म करने पर शाम को बढ़ते हैं।
- अनुभव बताता है कि कशेरुका सन्धिशोथ , जानु सन्धिशोथ तथा कमर दर्द जैसी कुछ रोगावस्थाएँ शारीरिक श्रम एवं दिन का काम खत्म करने पर शाम को बढ़ते हैं।
- वयस्कों के जीर्ण आमवाती सन्धिशोथ में पहले एक सप्ताह तक चुम्बकों का प्रयोग केवल 10 मिनट तक करना चाहिए और इस अवधि को धीरे-धीरे 30 मिनट तक बढ़ा देना चाहिए।
- वयस्कों के जीर्ण आमवाती सन्धिशोथ में पहले एक सप्ताह तक चुम्बकों का प्रयोग केवल 10 मिनट तक करना चाहिए और इस अवधि को धीरे-धीरे 30 मिनट तक बढ़ा देना चाहिए।
- वयस्कों के जीर्ण आमवाती सन्धिशोथ में पहले एक सप्ताह तक चुम्बकों का प्रयोग केवल 10 मिनट तक करना चाहिए और इस अवधि को धीरे-धीरे 30 मिनट तक बढ़ा देना चाहिए।
- रोगी के इस रोग से प्रभावित अंगों पर लाल तेल तथा सेलफैन पेपर लगाकर सूर्य के प्रकाश में सिकाई करने से सन्धिशोथ ( ARTHITIS ) रोग में बहुत अधिक लाभ मिलता है।