समान वायु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ३ - समान वायु- समान वायु पाचक अग्नि के समीप आमाशय और ग्रहण में रहती है ।।
- समान वायु का कार्य पाचन संस्थान द्वारा उत्पन्न स्राव को पूरेशरीर के अंग-अंग में समान रूप से पहुंचाना है।
- 15 . तेजपुंज शक्ति : समान वायु को वश में करने से योगी का शरीर ज्योतिर्मय हो जाता है।
- 15 . तेजपुंज शक्ति : समान वायु को वश में करने से योगी का शरीर ज्योतिर्मय हो जाता है।
- समान वायु का कार्य पाचन संस्थान द्वारा उत्पन्न स्राव को पूरे शरीर के अंग-अंग में समान रूप से पहुंचाना है।
- समान वायु का स्थान शरीर में नाभिसे हृदय तक मौजूद है तथा पाचन संस्थान इसी के द्वारा नियंत्रित होता है।
- समान वायु का स्थान शरीर में नाभि से हृदय तक मौजूद है तथा पाचन संस्थान इसी के द्वारा नियंत्रित होता है।
- सामान्य अवस्था में उदान वायु प्राण वायु को समान वायु से पृथक कर व्यान वायु से संगम कराने का कार्य करती है।
- मानव शरीर वास्तव में पृथ्वी के समान वायु , अग्नि, पृथ्वी, आकाश, जल, इन पंच तत्वों से बना, प्रकृति की एक रचना है।
- अंततः पाँच प्रमुख आसनों का अभ्यास करें , जो पाचन प्रक्रिया को उत्तेजित करते हैं तथा “ समान वायु ” को निपेक्षित करते हैं।