सर्वदेशी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जैसा कि पूर्व बतलाया जा चुका है कि यह पर्व चिरकाल से चला आता है | यह भारत के सभी प्रान्तो मे प्रचलित है , अतः इस को एकदेशी ना कहकर सर्वदेशी कहना चाहिये | सब प्रान्तो मे इस के मनाने की परिपाटी मे भी समानता पाई जाती है | सर्वत्र शीतातिशय निवारण के उपचार प्रचलित है |
- भाषा के मुख्य उद्देश्य में कभी उन्नति का होना सम्भव नहीं , क्योंकि उद्देश्य सर्वदेशी और पूर्ण होते हैं , उनमें किसी प्रकार का भी परिवर्तन नहीं हो सकता , वे सदैव अखंड और एकरस रहते हैं , ( हारमोनिया , भाग- 5 पृष्ठ 73 -देखो , अक्षर-विज्ञान , पृष्ठ 4 ) आजकल यह सिध्दान्त आदर की दृष्टि से नहीं देखा जाता और इसके पक्ष-विपक्ष में बहुत बातें कही गई हैं।