सलमह का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बथुआ , बाथू , शाकवीर , वस्तुकी , पिंडपुष्पक , पिण्डपुष्पक , वसुक , श्वानचिल्लिका , शाकश्रेष्ठ , सलमह , शुनकचिल्ली ; एक प्रकार का साग ; “ वह आज बथुआ बना रही है ”
- बथुआ , बाथू , शाकवीर , वस्तुकी , पिंडपुष्पक , पिण्डपुष्पक , वसुक , श्वानचिल्लिका , शाकश्रेष्ठ , सलमह , शुनकचिल्ली ; एक प्रकार का साग ; “ वह आज बथुआ बना रही है ”
- तथा वह हदीस भी आधार है जिसे उन्हों ने उम्मे सलमह से रिवायत किया है कि उन्हों ने कहा : मैं सोने के आभूषण पहनती थी तो मैं ने कहा : ऐ अल्लाह के पैगंबर , क्या यह खज़ाना है ?
- इसका प्रमाण वह हदीस है जिसे इमाम दारमी ( हदीस संख्या : 204 ) ने अम्र बिन सलमह से रिवायत किया है कि उन्हों ने कहा : हम नमाज़े फज्र से पहले अब्दुल्लाह बिन मस्ऊद रज़ियल्लाहु अन्हु के द्वार पर बैठ जाते और जब वह घर से निकलते तो उन के साथ मस्जिद रवाना होते।
- ( 1 ) यहूदी आलिमों में से हज़रत अब्दुल्लाह बिन सलाम ने इस्लाम लाने के बाद अपने दो भतीजों मुहाजिर और सलमह को इस्लाम की तरफ़ बुलाया और उनसे फ़रमाया कि तुमको मालूम है कि अल्लाह तआला ने तौरात में फ़रमाया है कि मैं इस्माईल की औलाद से एक नबी पैदा करूंगा जिनका नाम अहमद होगा .
- तथा यज़ीद बिन अबी उबैद से वर्णित है कि उन्हों ने कहा : मैं सलमह बिन अल-अकवह के साथ आता था तो वह मुसहफ के पास मौजूद खंभे के पास अर्थात रौज़ा शरीफ में नमाज़ पढ़ते थे , तो मैं ने कहा : ऐ अबू मुस्लिम ! मैं आपको देखता हूँ कि आप इस खंभे के पास क़सद करके नमाज़ पढ़ते हैं !
- उन्हीं में से वह हदीस है जिसे बुखारी ( हदीस संख्या : 1233 ) और मुस्लिम ( हदीस संख्या : 834 ) ने उम्मे सलमह रज़ियल्लाहु अन्हा से रिवायत किया है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अस्र के बाद दो रक्अतें पढ़ीं , तो मैं ने आप से उनके बारे में पूछा : तो आप ने फरमाया : '' मेरे पास अब्दुल क़ैस के कुछ लोग आये थे , तो उन्हों ने मुझे ज़ुहर के बाद की दोनों रक्अतों से व्यस्त कर दिया था तो ये वही दोनों रक्अतें हैं।