सलोनापन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मैथिली के शब्दों-मुहावरों से संपृक्त उनकी कविताएं हिन्दी को एक सलोनापन देती हैं और सर्वथा नये बिम्बों की श्रृंखला अभी के निचाट वक्तव्यमय काव्य मुहावरे को अभिनंदनीय संश्लिष्टता।
- पूरे सप्ताह एकान्त का सहवास रहा ! जो खोया, वह ढूँढ़ता हुआ, कुछ सलोनापन सहेजता हुआ निकल गया यह एकान्त ! वापस आया, झट से चहक नहीं पाया ।
- क्या साँवली लड़कियाँ नहीं ब्याही जाती इस देश में ? क्यों लिखते हैं कवि झूठी कविताएँ? अगर होता जो मुझमें सलोनापन तो क्या यूँ ठूकरा दी जाती बिना किसी अपराध के?
- तप से दपदप दमकता चेहरा , सरलता का सलोनापन , अजस्र करूणा की स्रोत आँखें , भव्य देहयष्टि , सचमुच ही सौन्दर्य का सरस पुञ्ज लग रहे थे , भगवान् तथागत।
- साफ-सुथरा रंग तुम्हारा / झुलसकर सांवला पड़ जायेगा / खो जायेगा आँखों का सलोनापन / तब तुम कागज पर / नहीं लिख पाओगे / सत्यम , शिवम , सुन्दरम / ”
- कैसा जीवन-कैसे साथी ? एक चुटकी सिंदूर सात फेरे और सोलह साड़ियां साथ की आस में चले जीवन भर के साथी झूठ कहा नहीं हरदम गढ़ा असत्य पल-पल झुलसा सलोनापन बहेलिए और बटोही के बीच जैसी फ़ितरतें कैसा जीवन , कैसे साथी ?
- सबसे पहले . ...आपकी पत्नी बहुत प्यारी है.उनकी मुस्कान,चेहरे का सलोनापन और बुद्धिमत्ता उन्हें और खूबसूरत बना रहा है.उनके काम की मुक्त कंठ से सराहना करती हूँ.मैं आज ही 'इन्हें' कहूँगी वे ऐसे दो पात्र बनवाए.अरे मेरे यहाँ तो पीछे काफी खाली जमीं पड़ी है जिसमे हमने एक छोटा सा गार्डन बना रखा है.
- वे फार्मूलाबद्ध विचारों की रचनात्मक जुगाली करते हुए सिद्धांतों के कोल्हू की परिक्रमा मात्र क्यों कर रहे हैं ? ऐसे लेखकों / कवियों का सृजन-कर्म पर कथित लेखकों के ऐसे समूह ही यह भ्रम पैदा करते हैं कि लोकानुभवों की प्रामाणिक अभिव्यक्तियाँ इन्हीं तदर्थ और रचनात्मक सक्रियता पर टिकी हुई हैं जबकि इनकी रोज-रोज प्रकाशित और तोड़-फोड़ से पुरस्कृत प्रतिभा में लोक का सत्य बेहद दुर्बल किन्तु निष्पाण साहित्य का प्रचलित सलोनापन खूब है।
- फिर क्यों हुआ ऐसा कि नहीं हुआ उसे मुझसे प्यार ? क्या साँवली लड़कियाँ नहीं ब्याही जाती इस देश में ? क्यों लिखते हैं कवि झूठी कविताएँ ? अगर होता जो मुझमें सलोनापन तो क्या यूँ ठूकरा दी जाती बिना किसी अपराध के ? पापा , आपको नहीं पता कितना कुछ टूटा था उस दिन जब सुना था मैंने आपको यह कहते हुए ' बस , थोड़ा सा रंग ही दबा हुआ है मेरी बेटी का बाकि तो कुछ कमी नहीं।
- वैज्ञानिक का प्रयास रिक्तता की भरपाई करने का है , पर कवि का जो दर्द है उसकी भरपाई कैसे हो ? हृदय की धड़कन के भीतर उठने वाले उच्छ्वास प्लास्टिकी ह्रुदय दे सकता है क्या ? नैन का आकर्षण , उसका सलोनापन , उसकी अनकही बातों के कह देने का गुर कुत्ते की आँख दे सकती है क्या ? और प्लास्टिक का मन जो ज्योतियों में ज्योति का रूप है - “ ज्योतिषांज्योतिरेकम् ” उसे चौदह कैरेट सोने में पाया जा सकेगा क्या ?