सव्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इन राशियों की दशाओं के क्रम को दो भागों में बांटा गया है : 1 . सव्य क्रम अर्थात् सीधा क्रम 2 .
- इन राशियों की दशाओं के क्रम को दो भागों में बांटा गया है : 1 . सव्य क्रम अर्थात् सीधा क्रम 2 .
- इसी तरह प्रत्येक राशि के स्वामी तक सव्य और अपसव्य गणना कर 1 वर्ष घटा देने से राशि की अवधि मालूम होती है।
- जैमिनी ज्योतिष दशाओं का क्रम इन 12 राशियों में 06 राशियों की दशाओं का क्रम सव्य व शेष 06 राशियों का क्रम अपसव्य होता है .
- चर राशियों में सबसे पहले लग्न राशि की दशा प्रारंभ होती है अर्थात लग्न राशि की दशा सर्वप्रथम उपरांत सव्य या अपसव्य क्रम में अन्य राशियों की दशा।
- प्रश्न : चर राशियों की अवधि की गणना कैसे करें ? उत्तर : राशियों की अवधि की गणना के लिए राशि के दो वर्ग बना लें- सव्य और अपसव्य।
- देव कार्य में यज्ञोपवीत सव्य ( दायीं ) हो , पितृ कार्य में अपसव्य ( बायीं ) हो और ऋषि-मुनियों के तर्पणादि में गले में माला की तरह हो।
- अथर्ववेद में कहा भी है- ' कृतं मे दक्षिणे हस्ते जयो मे सव्य आहित ' अर्थात मेरे दाएँ हाथ में कर्म पुरुषार्थ है और मेरे बाएँ हाथ में विजय विद्यमान है।
- राशियों की गणना के लिए सव्य राशियां मेष , वृष , मिथुन , तुला , वृश्चिक और धनु राशियां सव्य और कर्क , सिंह , कन्या , मकर , कुंभ और मीन अपसव्य मानी गई हैं।
- राशियों की गणना के लिए सव्य राशियां मेष , वृष , मिथुन , तुला , वृश्चिक और धनु राशियां सव्य और कर्क , सिंह , कन्या , मकर , कुंभ और मीन अपसव्य मानी गई हैं।