साढ़ी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आखर साढ़ी कल्पना दी डुआरी कुतै न कुतै जाई ते रूकदी ऐ ते जित्थें साढ़ी कल्पना रूकदी ऐ उ ' यै
- आखर साढ़ी कल्पना दी डुआरी कुतै न कुतै जाई ते रूकदी ऐ ते जित्थें साढ़ी कल्पना रूकदी ऐ उ ' यै
- जब फूल के गिलास में उदारता के साथ ढाला जाने लगा , तो शरबत से पहले दही की मोटी-मोटी साढ़ी गिलास में छल-छल गिरने लगी।
- समझ रहे हैं तो शायद वे राम को विस्थापित करना चाहते हैं और स्वर्ग तक स्वर्णमंडित साढ़ी के निर्माण की तथ्यात्मकता के आगे नतशिर हैं।
- अवसर पाकर नृसिंह ने शेर का स्वाँग ( मेकअप ) करके कलाबत्तू वाली मँहगी साढ़ी पहन ली और हिरण्यकश्यपु के महल के खंभों के बीच छिप गया .
- वह एक बैंजनी रंग की सादी आकर्षक साढ़ी को बार-बार उलट-पुलट रही थी और अपने मन को तौल रही थी कि तभी अचानक एक मर्दाने भारी स्वर ने उसे संबोधित किया , “ मुझे सिन्हा कहते हैं , सुनीताजी ! ”
- जो कि सबकी निगाहों में अपने पढ़े जाने का , शरीर के हर अंग को साढ़ी और ब्लाउज के रंग को वक्ष के उभार, उतार-चढ़ाव को कूल्हों की बनावट को होठों की रसमयता को आंखों की चंचलता को, क्या कोमल गर्भ-गृह का सिर्फ श्रृंगार है।
- दुधहड़ी से गिलास में दूध डाल और उस पर मोटी साढ़ी का टुकड़ा रखकर , गुनगुना आए गिलास को आंचल से दबाए हुए सुक्खन भौजी ललौना के खटोले की ओर बढ़ ही रही थीं कि सांकल खड़कने की ध्वनि सुन , चौकन्नी हो थम गई।
- जो कि सबकी निगाहों में अपने पढ़े जाने का , शरीर के हर अंग को साढ़ी और ब्लाउज के रंग को वक्ष के उभार , उतार-चढ़ाव को कूल्हों की बनावट को होठों की रसमयता को आंखों की चंचलता को , क्या कोमल गर्भ-गृह का सिर्फ श्रृंगार है।
- आज तुम्हारे जैसा पोटली पुलाव बनाया देसी घी में भुने हुए चांवलों की खीर पूरे घर की डस्टिंग की , धूल से तुम्हे नफरत थी , तुम्हारी दी हुई सुनहरी पाट की जामुनी हरी जामदानी साढ़ी पहनी तुमने उसे पहना था जब ओर मुझे अच्छी लगी तो , तुमने उसे मुझे दे दी थी यह कह कर बहुत भारी है ...