साधर्म्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- विश्वनाथ पंचानन ने भी अस्तित्व को अभावसहित सातों पदार्थों का साधर्म्य माना।
- इस उदाहरण में रावण और अवर्षण में रूपसादृश्य नहीं है; केवल साधर्म्य
- सादृश्य से हमारा अभिप्राय बिम्बप्रतिबिम्ब रूप और साधर्म्य से वस्तुप्रतिवस्तु धर्म है।
- कहीं-कहीं तो बाहरी सादृश्य या साधर्म्य अत्यंत अल्प या न रहने पर भी
- वाक्यात्मक इस हेतु के दो प्रकार होते हैं- साधर्म्य हेतु और वैधर्म्य हेतु।
- के निरूपण में अप्रस्तुत का आधार केवल सादृश्य या साधर्म्य ही लिखा पाया
- साधर्म्य का ध्यान रहता है पर सांग और परम्परित में इनका पूरा निर्वाह
- सादृश्य और साधर्म्य का ध्यान रहता है पर सांग और परम्परित में इनका पूरा
- इस उदाहरण में रावण और अवर्षण में रूपसादृश्य नहीं है , केवल साधर्म्य है।
- यौवन और जल में उमड़ने या उमंग के धर्म को लेकर साधर्म्य मात्र है।