सिद्धसेन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बालाचार्य सिद्धसेन ने कहा कि क्षमा मांगना , क्षमा करना जैनधर्म की विशेषता हैं।
- श्वेताम्बर संप्रदाय के प्रमुख आचार्य सिद्धसेन , दिवाकर , हरिभद्र , स्थूलभद्र आदि थे।
- सिद्धसेन दिवाकर ( 500 ई.), हरिभद्र (900 ई.), मेरुतुंग (14वीं शताब्दी), आदि जैन दर्शन के प्रसिद्ध आचार्य हैं।
- आचार्य प्रभाचन्द्र के कुछ ही काल बाद अभयदेव ने सिद्धसेन के सन्मतिसूत्र पर विस्तृत सन्मतितर्क टीका लिखी है।
- संभव है सिद्धसेन * और हरिभद्र के * तीन प्रमाणों की मान्यता का आधार यही स्थानांग सूत्र हो।
- सुधर्मा के साथ सिद्धसेन , समन्तभद्र सहित अन्य सब भी भगवान् के कथन को आत्मसात कर रहे थे।
- सिद्धसेन का सन्मति तर्क और मल्लवादी का द्वादशारनयचक्र उपलब्ध हैं , जो समंतभद्र की कृतियों के आभारी हैं।
- समन्तभद्र , सिद्धसेन आदि आचार्यों ने जैन दर्शन का प्रतिपादन करते समय जैन न्याय को छोड़ नहीं दिया था।
- समन्तभद्र , सिद्धसेन आदि आचार्यों ने जैन दर्शन का प्रतिपादन करते समय जैन न्याय को छोड़ नहीं दिया था।
- कुछ ज्ञान की चेतना प्रस्फुटित हुई जो आगे कुंदकुंद , सिद्धसेन, अकलंक, विद्यानंद, हरिभद्र, यशोविजय, आदि रुप में विकशीत होती गयी।