सूर्य-किरण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- गगन छूने की मंशा में तने पर्वत-शिखर पर कहीं एक चुलबुली सूर्य-किरण सफ़ेद बर्फ़ को टटोलती धीमे से कान में कुछ बोलती
- सूर्य-किरण जहाँ न जा पाए उन अँधियारों में जा समाए हो तुमसे आत्मसात मचले अरमान ! बाँहों में भर पाऊँ तुम जाते निकल [...]
- जीवन होता बहुरंगी अन्दर , बाहर जन्म-जन्मान्तर अनगिन रंगों से सजता बहुआयामी पंखों से नापता आकाश की ऊंचाई और सागर की गहराई सूर्य-किरण सतरंगी ...
- जब सुबह-सुबह अपने बगीचे को देखती हूँ तो वहाँ ढेर सारे फूल खिले होते हैं , पेड़ों से छनकर सूर्य-किरण भी उन् हें उष् मा दे रही होती हैं।
- यही चहती थी समेट कर पी लूँ सूर्य-किरण को , विधु की कोमल रश्मि, तारकॉ की पवित्र आभा को, जिससे ये अपरूप, अमर ज्योतियाँ गर्भ में जाकर समा जाएँ इसके शोणित में, हृदय और प्राणॉ में.
- हर पल आगे बढ़ती हुई वो थी सोचती छोड़ पर्वत शिखर वो यहां क्यों आ गई इस गति से तो थी वो जड़ ही भली क्यों सूर्य-किरण की सलाह उसे भा गई बस एक बहने के उन्माद से मात खा गई
- जिस प्रकार समस्त संसार को आच्छादित करने वाला भँवरे के समान काला-नीला सघन अंधकार सूर्य-किरण निकलते ही छिन्न-भिन्न होकर बिखर जाता है , उसी प्रकार हे आदिदेव! आपकी भक्ति में लीन होने वाले प्राणियों के अनेक जन्मों के संचित पाप-कर्म आपकी भक्ति के प्रभाव से तत्क्षण नष्ट होने लगते हैं।
- इस से शायद हमें भी पता चले क्यूँ माता सरस्वती ( ' ब्रह्मा की अर्धांगिनी ' ) को ' वीणा वादिनी ' कहा गया और उन्हें सूर्य-किरण समान सफ़ेद साडी पहने क्यूँ दर्शाया गया चित्र आदि में जिसे ' हम ' पूजते चले आये हैं ज्ञान की देवी मान : )
- जिस प्रकार समस्त संसार को आच्छादित करने वाला भँवरे के समान काला-नीला सघन अंधकार सूर्य-किरण निकलते ही छिन्न-भिन्न होकर बिखर जाता है , उसी प्रकार हे आदिदेव ! आपकी भक्ति में लीन होने वाले प्राणियों के अनेक जन्मों के संचित पाप-कर्म आपकी भक्ति के प्रभाव से तत्क्षण नष्ट होने लगते हैं।
- सूर्य-किरण का दिया विशालता उसकी न अपने कारण से थी कई धाराओं ने स्वंय को , उसमें था खो दिया जो शिथिलता उसे अन्त में थी आ कर मिली वो सब उसकी बहायी हुई रेत और मिट्टी से थी दोषी कोई नहीं, स्वंय के मिथ्याबोध थे सागर में मिलना उसकी नियति ही थी