सेवैयाँ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आत्मकथ्य पढ़कर ' लबबन्द ' नाम का एक मीठा पकवान याद आ रहा है जिसमें सेवैयाँ खूब ज़्यादा चाशनी में पकाई जातीं .
- वह थोड़ी-थोड़ी दूर पर उसे गोद में ले लेती , लेकिन यहाँ सेवैयाँ कौन पकायेगा? पैसे होते तो लौटते-लौटते सब सामग्री जमा करके चटपट बना लेती।
- बहुत बधाई और सटीक शेर चुने हैं आपने , ईद से बचपन की बहुत सी यादें जुड़ी हैं , ईदगाह का हामिद और सेवैयाँ का क्या कहना .
- विगत तीस वर्षों में प्रायः ऐसा ही संयोग रहा कि कोई न कोई मित्र मेरे सामने इस प्रकार रहा है कि हर ईद पर मुझे मेरी सेवैयाँ मिल सकें .
- वो ईद मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत ईद थी , गई तो देखा एहतेशाम और राजेश ने मिल के बहुत ही बढ़िया सेवैयाँ बनाई थी , और साथ में कबाब और पनीर टिक्का।
- “ अम्मी ” आपने हमें आज दूध सेवैयाँ नहिं खिलाई ? आज आपने हमें अपने हाथों से बनाकर पान का बीडा नहिं दिया ? आज हमें आपने नहिं बल्कि “ बाबा ” ने क्यों “ ईदी ” बांटी।
- देखी आज मैने बात हुई सालों बाद भी यादें सब थी बरकरार हमने तो उसे बस ईद पर ही याद किया वो सेवैयाँ , वोह मुस्कान, वोह शायरी लेकिन वो कहता है की उसने तो जीवन के हर मोड़ पर हमें पूँछा क्या मालूम था कि एक फजूल की
- बरगद के पेड़ों पे शाखें पुरानी पत्ते नये थे हाँ वो दिन तो चलते हुए थे मगर फिर थम से गए थे हाँ लाओ बचपन दोबारा , नदिया का बहता किनारा मक्के की रोटी , गुड़ की सेवैयाँ , अम्मा का चूल्हा , पीपल की छैयाँ दे दूँ कसम से पूरी जवानी , पूरी जवानी हाँ
- आज त्यौहारों का त्रिवेणी संगम आया है , गणपति बाप्पा के साथ ईद की सेवैयाँ भी लाया है , मिच्छामी दुक्कडम सिर्फ जैन धर्म के लिए नहीं हम सब के लिए सन्देश देता है पुराने सब बैर भुला दो ,सुख शांति से समय बिताओ , ये जिंदगी तो बस एक बार ही आनी है उसे आपसी बैर में क्यों सबको गवानी है ?
- इसे हमारे देश की महानता ही कहेंगे जहाँ मंदिर और मस्जिद आस-पास बनाए जाते है और जहाँ ईद में हिन्दू सेवैयाँ खाते है , तो होली में मुसलमान भाई गुजिया | अतः जो व्यक्ति ऐसे मौसम, माहौल और लोकतंत्र में रहता है जो अनेकता में एकता है , उन्हें दुनिया की किसी भी कोने के अपने आप को स्थापित करने में कठिनाई नहीं होगी | और वो स्वतः ही दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कहलाने योग्य बन सकता है |