स्निग्ध का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कवि सुरेन्द्र स्निग्ध अपनी प्रेयसी से कहते हैं-
- आलोक स्निग्ध भर दिखा गयी पथ जो उज्ज्वल;
- किन्हीं बड़ी होती बच्चियों के स्निग्ध होठों पर .
- मुख प्रसन्न , आवाज स्निग्ध व गंभीर होती है।
- स्निग्ध पंखुड़ियों वाले पुष्प समूह समूचे अमलतास को
- स्निग्ध कर दी दृष्टि मेरी दीप से . .
- मत सँजो यह स्निग्ध सपनों का अलस सोना-
- गर्म क्षेत्रों में इसकी खेती इसके स्निग्ध ( तैलीय)
- उतरा ज़मीन पे , समा गई स्निग्ध चांदनी मुझमें।।
- प्रेयसी के अलक से आयी ज्यों स्निग्ध गन्ध ,