हविष्यान्न का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ' पशुभाव ' का पालन करनेवाला नित्य हविष्यान्न खाए , ताम्बूल को छुए भी नहीं ।
- * [ [ गायत्री मंत्र ]] का जाप करते हुए हविष्यान्न केवल एक बार ग्रहण करना चाहिए।
- ( २ ) यज्ञ के दिनों उपवास पूर्वक फल , दूध , अथवा हविष्यान्न लेकर रहें ।
- हे वनस्पतिदेव ! आप देवो के लिये नित्य हविष्यान्न प्रदान करने वाले दाता को प्राणरूप उत्साह प्रदान करें॥११॥
- हविष्यान्न और सोम को तैयार रखने वाले विद्वान , दानशील याजक के लिये महान तेजस्वी आपको स्थापित करते है॥८॥ ५४०.प्रातर्याव्णः
- जो अपने घर मे मधुर हविष्यान्न देकर सुखप्रद यज्ञ करता है वह घर स्वर्ग की उपमा के योग्य होता है॥१५॥
- अस्तु , व्यक्ति की पाचन शक्ति को देखकर ही यह हविष्यान्न से बना हुआ चरु या पुरोडाश उसे देना चाहिए।
- कण्व ऋषि के वंशज अपनी सुरक्षा की कामना से , कुश आसन बिछाकर हविष्यान्न व अलंकारो से युक्त होकर अग्निदेव की स्तुति करते हैं॥५॥
- हे अग्निदेव आप याजको के पोषक है , जो सज्जन हविदाता आपको श्रेष्ठ, पोषक हविष्यान्न देते है, आप उनकी सभी प्रकार से रक्षा करते हैं।
- व्रत के पहले दिन ( दशमी को) और दूसरे दिन (द्वादशी को) हविष्यान्न (जौ, गेहूँ, मूँग, सेंधा नमक, कालीमिर्च, शर्करा और गोघृत आदि) का एक