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हाथ साफ़ करना का अर्थ

हाथ साफ़ करना अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. क्या करियेगा ? . ऐसा ही होता आया है ………… .. बड़े अपराधी चूँकि बड़ी पहुँच और ताकत वाले भी होते है सो उनसे सभी डरते हैं कमजोर पर सब हाथ साफ़ करना चाहते हैं .
  2. अब मैंने मोरचा सम्भाला , शुरु के दो निशाने तो मैंने पास के ही रखे थे, जब वो सफ़लता से ठोक दिये गये तो, मैंने उन लडको द्धारा लगाये गये दूर के निशानों पर हाथ साफ़ करना शुरु कर दिया।
  3. जैसे ही हमारे बेटे ने अपने पिता के जूतों , कपड़ों पर हाथ साफ़ करना शुरु किया और पतिदेव रोज सबेरे शिकायत करते अपना रेजर, शेविंग क्रीम ढ़ूंढते पाये गये, हमारी आंखों ने बेटे के सेहरे के सपने देखने शुरु कर दिये।
  4. जैसे ही हमारे बेटे ने अपने पिता के जूतों , कपड़ों पर हाथ साफ़ करना शुरु किया और पतिदेव रोज सबेरे शिकायत करते अपना रेजर , शेविंग क्रीम ढ़ूंढते पाये गये , हमारी आंखों ने बेटे के सेहरे के सपने देखने शुरु कर दिये।
  5. बात ये है की देश में तो प्रजातंत्र है , तमाम सांसद , विधायक जनता द्वारा चुन कर लोकसभा और विधान सभाओं में आते हैं ! मंत्री बनकर देश का शासन चलाते हैं ! लेकिन इन मंत्रियों ने कुछ दिनों से जनता की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ़ करना शुरू कर दिया है !
  6. वह स्वयं अपने बलबूते पर इन्हें हासिल करना चाहता है या इसके लिये वह बड़े सभ्य , सुसंस्कृत और प्रतिष्ठित होने का दंभ पाले अपनी मूंछों पर ताव देते हुए योजनाबद्ध तरीके से डंके की चोट पर सरे आम बड़ी सफाई से औरों की मेहनत की गाढ़ कमाई पर हाथ साफ़ करना चाहता है !
  7. बिना सबूत के जेल . -"कांग्रेस ने एक बहुत बड़ी राशी 100 करोड़ से भी ज्यादा ,सोसल मिडिया पर प्रचार के लिए रख छोडी है .अगर आपको भी कुछ हाथ साफ़ करना हो तो कुछ ऐसी ही बेसिर पैर की पोस्टें ,खास कर मोदी के विरोध में लिखते रहिये .प्रबुद्ध जनों को आगाह करता हूँ की ऐसी पोस्टों को…
  8. क्या करियेगा ? .ऐसा ही होता आया है ..............बड़े अपराधी चूँकि बड़ी पहुँच और ताकत वाले भी होते है सो उनसे सभी डरते हैं कमजोर पर सब हाथ साफ़ करना चाहते हैं .बस यही कहा जा सकता है कि....................... “परिवर्तन की ओर...........एक अच्छे समाज के सृजन के लिए आपका जो उद्घोष है वो सभी को अपनाना चाहिए!”...........“बदलें खुद को……. और समाज को……! ”
  9. वैसे तो जिनके घर शीशे के बने होते है वह दूसरो के घर में पत्थर नही मारते लेकिन भले ही इस दौर में गंगा कितनी मैली हो चुकी हो वर्तमान दौर की राजनीती की बिसात तो कुछ और ही है जहाँ हर दल बहती गंगा में अपने हाथ साफ़ करना चाहता है और इसके जरिये अपने वोट बेंक को साधने की कोशिश करता है .
  10. क्या कोई बिल्ली को ही दही की रक्षा का भार सौंप देता है ? लेकिन हमारी मनमोहिनी-जनमोहिनी सरकार ने देश के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करते हुए बिल्ली यानी टीम कलमाड़ी को ही अभी भी सरकारी दही यानी राष्ट्रमंडल खेलों के फंड की देखभाल करने का भार दिया हुआ है वह भी तब जब उसका दही पर हाथ साफ़ करना जगजाहिर हो चुका है .
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