हीक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( 8 ) बकरी का दूध बकरी का दूध में एक तरह की हीक आती है।
- अनुराग जीक े आलेख पे भी यूं हीक ुछ घुमा-फिराकर कह गया था और अब आपका ये आले ख . ...
- लूटी किस्मत का हवाला दे कर उन नवजात लड़कियों को हीक भर कोसा जाने लगता है जिन्हें सयाने होने तक अनगिनत दुश्वारियाँ झेलनी होती है।
- जी हाँ 1904 के ओलंपिक में मैराथन धावक थॉमस हीक ने दौड़ जीतने के लिए कच्चे अंडे , इंजेक्शन और ब्रांडी का इस्तेमाल किया था।
- हालाकि गूदा स्वाद में खराब और एक प्रकार की हीक लिए होता है परन्तु स्वाद को दुरुस्त करने वाला और रूचि वर्धक होता है .
- हीक भर नरक के बाद / पीक भर स्वर्ग ” कविता को ऊँचाई देता हुआ देशज मुहावरा है जो समकालीन कविता में लगभग दुर्लभ होता जा रहा है ।
- लेकिन उन्हें ठेठ भारतीय शहर जैसा शहर लगा कानपुर , जहां की धूल , पूरे शहर पर छाई चमड़े की हीक और फुटपाथों पर रातों को ढहे बेशुमार लोग सवर्त्र निन्दित हैं।
- रास्तों में बाजारों में काम की जगहों में चमकीले तंग कपडों में फंसी , पल्ला और उसकी जगह जगह उलझती लटकनें संभालती रंगी पुती स्त्रियां ! अपने आप संभलकर चल पाने में असमर्थ पति की बाहं का सहारा लिए लिए कभी कभी लुढकने को होती स्त्रियां ! अजीब अजीब प्लेटफार्म वाले सैंडलों की हीक को मेट्रो और उसके प्लेटफार्म की दरार से निकाल कर हडबाडाती स्त्रियां ! अपने फिसलने पल्लू को संभालकर कंधे पर डालते हुए अपने पीछे खडी सवारी के मुंह पर मारती स्त्रियां !
- रास्तों में बाजारों में काम की जगहों में चमकीले तंग कपडों में फंसी , पल्ला और उसकी जगह जगह उलझती लटकनें संभालती रंगी पुती स्त्रियां ! अपने आप संभलकर चल पाने में असमर्थ पति की बाहं का सहारा लिए लिए कभी कभी लुढकने को होती स्त्रियां ! अजीब अजीब प्लेटफार्म वाले सैंडलों की हीक को मेट्रो और उसके प्लेटफार्म की दरार से निकाल कर हडबाडाती स्त्रियां ! अपने फिसलने पल्लू को संभालकर कंधे पर डालते हुए अपने पीछे खडी सवारी के मुंह पर मारती स्त्रियां !
- रास्तों में बाजारों में काम की जगहों में चमकीले तंग कपडों में फंसी , पल्ला और उसकी जगह जगह उलझती लटकनें संभालती रंगी पुती स्त्रियां ! अपने आप संभलकर चल पाने में असमर्थ पति की बाहं का सहारा लिए लिए कभी कभी लुढकने को होती स्त्रियां ! अजीब अजीब प्लेटफार्म वाले सैंडलों की हीक को मेट्रो और उसके प्लेटफार्म की दरार से निकाल कर हडबाडाती स्त्रियां ! अपने फिसलने पल्लू को संभालकर कंधे पर डालते हुए अपने पीछे खडी सवारी के मुंह पर मारती स्त्रियां ! इनके लिए ये नजाकत है ..फिमिनिटी है ..मजबूरी है ...फैशन है ...