हेतुविद्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह स्थान भी आंशिक रूप से भगवान बुद्ध के प्रभाव में आया एवं एक शून्य पहाड का जिक्र ह्वेनसांग करते हैं जिस स्थान पर जिन-बोधिसत्व नाम के विद्वान द्वारा हेतुविद्या शास्त्र की निर्मिति का उल्लेख मिलता है।
- उसने लिखा है कि 18 पंथों के ग्रंथ पढ़ाए जाते थे , जिनमें वेद-वेदांग थे , हेतुविद्या , शब् द विद्या , चिकित् साविद्या , अर्थर्ववेद या मंत्रविद्या , संख् या आदि विद्याएँ थीं , साथ ही वे अन् य फुटकर ग्रंथों का भी सूक्ष् म अध् ययन करते थे।
- उसने लिखा है कि 18 पंथों के ग्रंथ पढ़ाए जाते थे , जिनमें वेद-वेदांग थे , हेतुविद्या , शब् द विद्या , चिकित् साविद्या , अर्थर्ववेद या मंत्रविद्या , संख् या आदि विद्याएँ थीं , साथ ही वे अन् य फुटकर ग्रंथों का भी सूक्ष् म अध् ययन करते थे।
- वसुबन्धु का बौद्ध परम्परा में न केवल अभिधर्म और योगाचार दर्शन को एक व्यवस्थित और क्रमबद्ध स्वरूप प्रदान करने के कारण महत्त्व है अपितु उनका महत्त्व बौद्ध विचार पद्धति में हेतुविद्या , वादविधि और प्रमाण व्यवस्था को एक निश्चित भूमि प्रदान करने में भी है , जो आगे चलकर दिङ्नाग , धर्मकीर्ति , ईश्वरसेन तथा अन्य बौद्ध नैयायिक आचार्यों की कृतियों में विस्पष्ट रूप से स्फुट हुई।