अकलंक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यहाँ अकलंक ने धर्मकीर्ति के आक्षेप का शालीन उपहासपूर्वक , किन्तु चुभने वाला करारा उत्तर दिया है।
- किन्तु अकलंक ने कहा है कि तर्क को प्रमाण मानना ही होगा , क्योंकि यह व्याप्तिग्राही है।
- सूक्ष्मदृष्टि अकलंक इस समग्र स्थिति का अध्ययन किया तथा सभी दर्शनों का गहरा एवं सूक्ष्म अभ्यास किया।
- किन्तु जैन न्याय में जो सुव्यवस्था और सुदृढ़ता देखी जाती है , उसका श्रेय अकलंक को ही है।
- किसी तरह अकलंक की जान तो बच गई , लेकिन निष्कलंक को प्राणदण्ड से मुक्ति न मिल सकी।
- आचार्य अकलंक के लघीयस्त्रय और आचार्य विद्यानंद की आप्तपरीक्षा आदि ग्रंन्थों के विपुल प्रमाण इसमें उन्होंने दिए हैं।
- न्याय-विनिश्चय ' में अकलंक ने कहा है कि साधन से साध्य के विषय में ज्ञान प्राप्त करना अनुमान है।
- कुछ ज्ञान की चेतना प्रस्फुटित हुई जो आगे कुंदकुंद , सिद्धसेन, अकलंक, विद्यानंद, हरिभद्र, यशोविजय, आदि रुप में विकशीत होती गयी।
- कुछ ज्ञान की चेतना प्रस्फुटित हुई जो आगे कुंदकुंद , सिद्धसेन, अकलंक, विद्यानंद, हरिभद्र, यशोविजय, आदि रुप में विकशीत होती गयी।
- अनुमान के कई अवयव माने गये हैं , किन्तु अकलंक ने केवल प्रतिज्ञा और हेतु को ही पर्याप्त माना है।