अकृत्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आज भी दुखता होगा अंतसआज भी बंधाती होगी खुद को वो ढांढसशायद अपने किये अकृत्य परशर्मिंदा होकर जब कहीं कुछ पढ़ती होगीया कहीं कुछ लिखती होगीया कुछ देखती होगीअपराधबोध से ग्रसित हो जाती होगी और-उससे बाहर आने के लिए एक संकल्प दोहराती होगीकि अब नहीं होने देगी फिर से भ्रूण हत्या&
- इस तरह मनुष्य व् प्राणी सभी अपने कृत्य , अकृत्य एवं कुकृत्य का प्रत्यक्ष फल प्राप्त करता है इस व्यक्ति को तो तीन देवताओं के साकार दर्शन हुए , वहां सभी का लेखा जोखा पलभर में प्रस्तुत हो जाता है यह एक सत्य है हिमगिरी के सम्मुख यह निर्मम नाटक कैसा ! निस्तब्ध शून्य के नीचे यह कोलाहल सा कैसा !
- इस तरह मनुष्य व् प्राणी सभी अपने कृत्य , अकृत्य एवं कुकृत्य का प्रत्यक्ष फल प्राप्त करता है इस व्यक्ति को तो तीन देवताओं के साकार दर्शन हुए , वहां सभी का लेखा जोखा पलभर में प्रस्तुत हो जाता है यह एक सत्य है हिमगिरी के सम्मुख यह निर्मम नाटक कैसा ! निस्तब्ध शून्य के नीचे यह कोलाहल सा कैसा !
- यह भाव जहाँ एक ओर उन व्यक्तियों , जो अपने को हानि अथवा लाभ पहुँचा सकते हैं , को प्रसन्न करने हेतु कृत्य अथवा अकृत्य सब कुछ करने को प्रेरित करता है , वहीं दूसरी ओर पुलिसकर्मियों में घोर अनुशासन की मानसिकता भी उत्पन्न करता है , जो भारतीय समाज में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के हित में आवश्यक है।
- इस के सम्बन्ध में कानून यह है कि किसी प्रस्ताव , प्रस्ताव की स्वीकृति या उन के निरसन को प्रस्ताव, स्वीकृति या निरसन करने वाले पक्ष के किसी भी उस कृत्य(Act) या अकृत्य (Omission) को प्रस्ताव, स्वीकृति या निरसन या जिस का भी वह संचार करना चाहता है, का संचार माना जाएगा जिस कृत्य(Act) या अकृत्य (Omission) के द्वारा वह संचार करना चाहता है।
- इस के सम्बन्ध में कानून यह है कि किसी प्रस्ताव , प्रस्ताव की स्वीकृति या उन के निरसन को प्रस्ताव, स्वीकृति या निरसन करने वाले पक्ष के किसी भी उस कृत्य(Act) या अकृत्य (Omission) को प्रस्ताव, स्वीकृति या निरसन या जिस का भी वह संचार करना चाहता है, का संचार माना जाएगा जिस कृत्य(Act) या अकृत्य (Omission) के द्वारा वह संचार करना चाहता है।
- सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दी हितरक्षक समिति बनाम भारत संघ के मामले ( 1990 एआईआर 851 ) में कहा है कि यह सुनिष्चित है कि प्रषासनिक , विधायी और राज्य कृत्य या अकृत्य के लिए मूल अधिकार लागू करने के लिए न्यायिक पुनर्विलोकन अनुमत और इस राज्य के लोगों के अधिकारों का निर्णय न्यायपालिका और न्यायिक मंचों को करना है न कि कार्यपालकों या प्रषासकों को।
- सुप्रीम कोर्ट ने चर्चित प्रकरण ए . आर . अन्तुले बनाम रामदास श्री निवास नायक ( 1984 एआईआर 718 ) में कहा है कि यह एक जग जाहिर सिद्धान्त है जिस पर कि अपराध नीति लागू की गई है अर्थात् कानून द्वारा तत्समय दण्डनीय बनाया गया कृत्य या अकृत्य मात्र जो व्यक्ति हानि सहन करता है के संदर्भ में ही अपराध नहीं है बल्कि समूचे समाज के विरूद्ध अपराध है।
- कैवल्योपनिषद में यः शतरुद्रियमधीते सोऽग्निपूतो भवति ' इत्यादि वचनों द्वारा ' शत-रुद्रिय ' के पाठ से अग्नि , वायु , सुरापान , ब्रह्महत्या , सुवर्ण चोरी , कृत्य एवं अकृत्य से पवित्र होने तथा ज्ञानप्राप्ति पूर्वक कैवल्यपद प्राप्ति तक का फल होता है , जबकि जावालोपनिषद् में कुछ ब्रह्मचारी महर्षि याज्ञवल्क्य से पूछते हैं कि '' किसका जप करने से अमृतत्व प्राप्त होता है ? '' इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा- ' शतरुद्रियेणेत्येतान्येव हवा अमृतस्य नमानि एतैही वा अमृतो भवतीति।