अन्तस्थ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- क्यों कि अन्तस्थ शिशु के लिए उसके प्रत्येक अव्यव अर्थात सर्वांग की पुष्टि की आवश्यकता रहती है .
- ऐसे वर्णों को ‘अन्तस्थ ' कहते हैं, अन्तस्थ यानी व्यंजन और स्वर के बीचोंबीच रहने वाले या कहें “अर्धस्वर”।
- ऐसे वर्णों को ' अन्तस्थ' कहते हैं, अन्तस्थ यानी व्यंजन और स्वर के बीचोंबीच रहने वाले या कहें “अर्धस्वर”।
- ऐसे वर्णों को ' अन्तस्थ' कहते हैं, अन्तस्थ यानी व्यंजन और स्वर के बीचोंबीच रहने वाले या कहें “अर्धस्वर”।
- ऐसे वर्णों को ' अन्तस्थ' कहते हैं, अन्तस्थ यानी व्यंजन और स्वर के बीचोंबीच रहने वाले या कहें “अर्धस्वर”।
- इनमें से ळ ( मूर्धन्य पार्विक अन्तस्थ ) एक अतिरिक्त वयंजन है जिसका प्रयोग हिन्दी में नहीं होता है।
- हिन्दी व्यंजनों में- कवर्ग , चवर्ग, टवर्ग, तवर्ग, पवर्ग, अन्तस्थ और ऊष्म का तो ज्ञान ही नही कराया जाता है।
- हर पल तुम्हारी अभिलाषा की थी हर क्षण तुम्हारी प्रतिच्छाया में ही लिपटा रहा मेरे अन्तस्थ और बहिरत तुम ही रही
- कवर्ग , चवर्ग , टवर्ग , तवर्ग , पवर्ग , अन्तस्थ और ऊष्म का तो ज्ञान ही नही कराया जाता है।
- कवर्ग , चवर्ग , टवर्ग , तवर्ग , पवर्ग , अन्तस्थ और ऊष्म का तो ज्ञान ही नही कराया जाता है।