अपभ्रंश भाषा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- धीरे-धीरे हिन्दी में परिष्कार होता रहा और अपभ्रंश भाषा के पटल से लुप्त हो गई।
- तो उनके आने से स्थानीय प्राकृत या अपभ्रंश भाषा में विदेशी शब्द भी मिलते गये।
- धीरे-धीरे हिन्दी में परिष्कार होता रहा और अपभ्रंश भाषा के पटल से लुप्त हो गई।
- आदिकाल के साहित्य में अपभ्रंश भाषा की प्रधानता स्वीकारते हुए उन्होंने इस काल को ‘
- अपभ्रंश भाषा साहित्य के मुख्यत : दो रूप मिलते है - पश्चिमी और पूर्वी ।
- अपभ्रंश भाषा साहित्य के मुख्यत : दो रूप मिलते है - पश्चिमी और पूर्वी ।
- सम्मान / पुरस्कार: एम.ए. तथा अपभ्रंश भाषा एवं साहित्य परीक्षाओं में क्रमश: स्वर्ण एवं रजत पदक प्राप्त।
- उनकी रचनाओं में अपभ्रंश भाषा से राजस्थानी भाषा के जन्म की प्रक्रिया देखने को मिलती है।
- उसका पूर्व रूप क्या था , उसकी कुछ रचनाएँ देखिए-विदग्धा मुखमण्डनकार ने अपभ्रंश भाषा की निम्नलिखित कविता बतलाई है-
- प्राकृत और अपभ्रंश भाषा को आत्मसात् कर मराठी ने 12वीं शती से अपना अलग अस्तित्व स्थापित करना शुरू किया।