अप्रयत्न का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मैं कुछ नहीं हूं , मुझे कुछ नहीं चाहिये , और मैं कुछ नहीं करूंगा , अप्रयत्न ' ।
- मैं कुछ नहीं हूं , मुझे कुछ नहीं चाहिये , और मैं कुछ नहीं करूंगा , अप्रयत्न ' ।
- ब्रह्मा ने अप्रयत्न ही हाथ जोड़कर प्रणाम करते हुए पूछा- ‘‘ हे महानुभाव ! आप अद्भुत मूर्ति कौन हैं ?
- विवेकपूर्वक अचाह , अप्रयत्न , निर्मम , निष्काम होने पर स्वत : सत् का संग होता है - विचार पथ ।
- विवेकपूर्वक अचाह , अप्रयत्न , निर्मम , निष्काम होने पर स्वत : सत् का संग होता है - विचार पथ ।
- इसलिये अचाह तक तो सब विचारकों का एक मत है और उसके पश्चात् जो अप्रयत्न जीवन है , उसमें अपना-अपना दृष्टिकोण है ।
- जो अप्रयत्न जीवन है उसकी चर्चा करें , तो कोई विशेषता नहीं आ जाती और न करें तो कोई क्षति नहीं हो जाती ।
- अप्रयत्न होने पर हमारा स्थूल शरीर स्थूल संसार से , सूक्ष्म शरीर सूक्ष्म संसार से , कारण शरीर कारण संसार से सम्बन्ध टूट जाएगा ।
- तुम्हें कुछ नही चाहिये- ( अचाह ) , तुम कुछ नहीं कर रहे हो ( अप्रयत्न ) , और तुम कुछ नहीं हो ( अकर्ता ) - ये तीन उपाय हैं ध्यान करने के लिये।
- अत : साधक बड़ी सावधानी से अपने उस जीवन का कि जिसमें परिवर्तन न हुआ है और न होगा , अनुभव किसी कृति द्वारा न करें , प्रयत्न द्वारा न करें , किन्तु अप्रयत्न होकर ही करें।