अरगजा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- गुलाल , अबीर, चन्दन, चोवा, इत्र, अरगजा, टेसू के फूलों का रंग तथा केशर, गुलाब व केवडा जल का मुक्तहस्तसे प्रयोग किया जाता है।
- मुनिश्रेष्ठ ! कार्तिक की प्रबोधिनी एकादशी के दिन बहुत-से फल-फूल , कपूर , अरगजा और कुंकुम के द्वारा श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए।
- मुनिश्रेष्ठ ! कार्तिक की प्रबोधिनी एकादशी के दिन बहुत-से फल-फूल , कपूर , अरगजा और कुंकुम के द्वारा श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए।
- ले अबीर और अरगजा भरकर रुमाल छिड़कते हैं और उड़ाते हैं गुलाल ज्यूं झड़ी हर सू है पिचकारी की धार दौड़ती हैं नारियाँ बिजली की सार
- ले अबीर और अरगजा भरकर रुमाल छिड़कते हैं और उड़ाते हैं गुलाल ज्यूं झड़ी हर सू है पिचकारी की धार दौड़ती हैं नारियाँ बिजली की सार
- मीरां कहती हैं कि अपने प्रिय से होली खेलने के लिये मैं ने मटकी में चोवा , चन्दन , अरगजा , केसर आदि भरकर रखे हुये हैं।
- मीरां कहती हैं कि अपने प्रिय से होली खेलने के लिये मैं ने मटकी में चोवा , चन्दन , अरगजा , केसर आदि भरकर रखे हुये हैं।
- शुभ फल की प्राप्ति के लिए स्नान के समय अरगजा युक्त जल एवं तिल प्रवाहित करें तथा गोमती चक्र साथ में रखते हुए ऊं ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सौ : मंत्र का जप करें , सफलता प्राप्त होगी।
- चलो सखी देखें आज होरी है यमुना तीर | एक ओर प्यारी जू सोहें संग सखिन बहु भीर || एक ओर नन्दलाल सखा लै ठाढे संग बलबीर || खेलत फाग परस्पर हिल मिल गोरी श्याम शरीर | भर केसर पिचकारी मारत उड़त गुलाल अबीर || केसर कुमकुम अतर अरगजा चलत सुगन्ध समीर | या छबि देख के देव मुनि नर होये गए अधीर || “सखी” सखी को ले चलें सँग मिस कर यमुना नीर | चल निरखें यह सुख अपूरब वेग चलोरी बीर || राधे राध
- ले अबीर और अरगजा भरकर रुमाल छिड़कते हैं और उड़ाते हैं गुलाल ज्यूं झड़ी हर सू है पिचकारी की धार दौड़ती हैं नारियाँ बिजली की सा र उर्दू शायरी के स्वर्णिम युग के मशहूर शायर मीर की होली पर एक कृति है ' साकी नाम होली', जिसमें शायर का उन्माद और होली की उन्मुक्तता अधिक मुखरित हुई है- आओ साकी, शराब नोश करें शोर-सा है, जहाँ में गोश करें आओ साकी बहार फिर आई होली में कितनी शादियाँ ला ई आसफुद्दौला के समय में मीर लखनऊ में थे।