अवगाह का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस विधि की विशेषता यह है कि पहले अवगाह में बाइक्रोमेट और अम्ल की क्रिया द्वारा जो क्रोमिक अम्ल बनता है और खाल में अवशोषित होता है , वह दूसरे अवगाह में थायोसल्फेट और अम्ल की क्रिया द्वारा बने सलफ्यूरस अम्ल से अपचयित होकर समाक्षारीय क्रोमियम सल्फेट में परिणत होकर तंतुओं में निक्षिप्त हो जाता है।
- इस विधि की विशेषता यह है कि पहले अवगाह में बाइक्रोमेट और अम्ल की क्रिया द्वारा जो क्रोमिक अम्ल बनता है और खाल में अवशोषित होता है , वह दूसरे अवगाह में थायोसल्फेट और अम्ल की क्रिया द्वारा बने सलफ्यूरस अम्ल से अपचयित होकर समाक्षारीय क्रोमियम सल्फेट में परिणत होकर तंतुओं में निक्षिप्त हो जाता है।
- अगर हिन्दी अपनी अ-लौकिक चाल में न चलती तो शब्दों के अपरिचय और अरुचि-पूर्णता से ग्रस्त न होती . पर लोकपक्ष की अनदेखी सतत हु ई. आचार्य हजारी प्रसाद जी ने ‘ शोर्टकट ' के लोकसुलभ भोजपुरी पर्याय ‘ अवगाह ' को प्रस्तावित किया था पर ऐसी बातें अनदेखी की शिकार हुईं . आज भी हिन्दी का यही चरित्र है .
- - ' सलिल जी'चल पड़े अपने कदम तो,मंजिलें भी पायेंगे.कंठ-स्वर हो साज़ कोई, गीत अपने गायेंगे.मुश्किलों से दोस्ती है, संकटों से प्यार है.'सलिल' बनकर नर्मदा हम, सत्य-शिव दुहारायेंगे.स्नेह की हर लहर हर-हर, कर निनादित हो रही.चल तनिक अवगाह लें, फिर सूर्य बनकर छायेंगे.दोस्तों की दुश्मनी की 'सलिल' क्यों चिंता करें.दुश्मनों की दोस्ती पाकर मरे- जी जायेंगे.चुनें किसको, तजें किसको, सब निकम्मे एक से.मिली सत्ता तो ज़मीं से, दूर हो गर्रायेंगे.दिल मिले न मिलें लेकिन हाथ तो मिलते रहें.क्या पता कब ह्रदय भी हों एक, फिर मुस्कायेंगे.स्नेह-सलिला में नहाना, 'सलिल' का मजहब धरम.सफल हो श्रम साधना, हम गगन पर लहरायेंगे.