अवधिज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अतएव उनका अवधिज्ञान भवप्रत्यय और शेष पंचेंद्रियतिर्यच और मनुष्यों का क्षायोपशयिक अथवा गुण प्रत्यय है , अर्थात् तपस्या आदि गुणों के निमित्त से उन्हें प्राप्त होनेवाली यह एक ऋद्धि है।
- उन्होंने अवधिज्ञान से विदेह क्षेत्र की व्यवस्था जानकर यहाँ भी भरतक्षेत्र में असि , मषी , कृषि , विद्या , वाणिज्य , और शिल्प-इन षट्कर्मों का उपदेश कर उस युग की व्यवस्था को सुखदायक बनाया।
- तीर्थंकर प्रकृति की सत्ता वाला जीव जब स्वर्ग से चय होने के निकट होता है और देवायु मात्र छह मास शेष रह जाती है तब इन्द्र अवधिज्ञान से जानकर कि तीर्थंकर गर्भ में आएंगे इसकी सुचना कुबेर को देता है .
- देवविमान देखने से स्वर्ग से अवतीर्ण , नागेन्द्र भवन देखने से जन्म से ही मानती, श्रुत, अवधिज्ञान का धरी, रत्न राशी देखने से समस्त गुणों की खान और निर्धोम अग्नि देखने से वह कर्म इंधन को जलाकर मोक्ष प्राप्त करने वाला होगा.अंत में मुख में प्रविष्ट होते हुए जो तुमने उत्तम वृषभ देखा है, उसका फल है कि जग प्रधान तीर्थंकर को तुमने गर्भ में धारण कर लिया है.स्वप्नों का फल सुनकर माता का तन-मन हर्ष से व्याप्त हो गया.