अविषय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- परमार्थतत्व बुद्धिव्यापार से अगोचर , अविषय (ज्ञान की कल्पना से बाहर), सर्वप्रपंचनिर्मुक्त तथा कल्पनाविरहित है, परंतु उसके ऊपर जागतिक पदार्थों का समारोप करने से ही उसका ज्ञान हमें हो सकता है।
- परमार्थतत्व बुद्धिव्यापार से अगोचर , अविषय (ज्ञान की कल्पना से बाहर), सर्वप्रपंचनिर्मुक्त तथा कल्पनाविरहित है, परंतु उसके ऊपर जागतिक पदार्थों का समारोप करने से ही उसका ज्ञान हमें हो सकता है।
- परमार्थतत्व बुद्धिव्यापार से अगोचर , अविषय (ज्ञान की कल्पना से बाहर), सर्वप्रपंचनिर्मुक्त तथा कल्पनाविरहित है, परंतु उसके ऊपर जागतिक पदार्थों का समारोप करने से ही उसका ज्ञान हमें हो सकता है।
- जब विचारवान् पुरुष आत्माकार हो जाता है तब विचार से भी निवृत्त हो जाता है , तब निरुल्लेख ( शब्द आदि का अविषय ) एकमात्र ब्रह्म ही अवशिष्ट रह जाता है।
- नारायण ! अब प्रश्न उठता है कि ध्यान किया कैसे जाय , विशेष करके जब कि अतिधन्य श्रुतिभगवती उसको मन का अविषय बता रही है ? ” यन्मनसा न मनुते ” ।
- और ऋषि इसलिए भी कहता है कि मन और वाणी का अविषय है , क्योंकि मन सोच सकता , जान नहीं सकता - इट कैन थिंक , बट इट कैन नाट नो।
- लेकिन ऋषि कहते हैं , न जानने का कारण यह नहीं है कि आत्मा नहीं है , न जानने का कारण यह है कि आत्मा मन के लिए अगोचर है , अविषय है।
- लेकिन ऋषि कहते हैं , न जानने का कारण यह नहीं है कि आत्मा नहीं है , न जानने का कारण यह है कि आत्मा मन के लिए अगोचर है , अविषय है।
- नीलादिविज्ञान से भिन्न किसी बाह्य रूप आदि विषय की सिद्धि , न तो अवयवी के रूप में , न ही परमाणुश : पृथक रूप में होती है , क्योंकि परमाणु स्वयं अतीन्द्रिय और अनुभव के अविषय होते हैं।
- अगर कोई संगीत सुनने आंख लेकर पहुंच जाए , तो वह कहे , आंख मेरी बिलकुल दुरुस्त है , चश्मा भी नहीं लगता , तो यह संगीत सुनाई क्यों नहीं पड़ रहा है ? लेकिन आंख के लिए सुनना अविषय है।