अव्याकृत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बुद्ध दर्शन के मुख् य तत्व : चार आर्य सत्य , आष्टांगिक मार्ग , प्रतीत्यसमुत्पाद , अव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन , बुद्ध कथाएँ , अनात्मवाद और निर्वाण।
- देह भस्म हो गया फिर आना-जाना कहाँ ? अनीश्वरवादी (Atheist) महात्मा गौतम बुद्ध ने कहा, भला करो, भले बनो, मृत्युपरांत क्या होगा यह प्रश्न असंगत है, अव्याकृत है।
- देह भस्म हो गया फिर आना-जाना कहाँ ? अनीश्वरवादी (atheist) महात्मा गौतम बुद्ध ने कहा, भला करो, भले बनो, मृत्युपरांत क्या होगा यह प्रश्न असंगत है, अव्याकृत है।
- अर्थात एक ऐसा आदमी जिसके लिए स्वर्ग , नरक, आत्मा, परमात्मा, समाज, राष्ट्र और वह सभी अव्याकृत प्रश्न तीसरे दर्जे के हैं, जिसके पीछे दुनिया में पागलपन की हद हो चली है।
- = > बौद्ध धर्मग्रंथ : बौद्ध धर्म के मूल तत्व है- चार आर्य सत्य , आष्टांगिक मार्ग , प्रतीत्यसमुत्पाद , अव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन , बुद्ध कथाएँ , अनात्मवाद और निर्वाण।
- = > बौद्ध धर्मग्रंथ : बौद्ध धर्म के मूल तत्व है- चार आर्य सत्य , आष्टांगिक मार्ग , प्रतीत्यसमुत्पाद , अव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन , बुद्ध कथाएँ , अनात्मवाद और निर्वाण।
- 1 . अव्याकृत ब्रह्म ( मन ) - अव्याकृत ब्रह्म मन का स्वरूप है यहीं पर पाँच वेदों की माता ज्ञान मयी गायत्री , अपर प्रणव ब्रह्म व रोधनी शक्ति का मूल स्थान है।
- 1 . अव्याकृत ब्रह्म ( मन ) - अव्याकृत ब्रह्म मन का स्वरूप है यहीं पर पाँच वेदों की माता ज्ञान मयी गायत्री , अपर प्रणव ब्रह्म व रोधनी शक्ति का मूल स्थान है।
- 1 . अव्याकृत ब्रह्म ( मन ) - अव्याकृत ब्रह्म मन का स्वरूप है यहीं पर पाँच वेदों की माता ज्ञान मयी गायत्री , अपर प्रणव ब्रह्म व रोधनी शक्ति का मूल स्थान है।
- तथागत बुद्घ ने कहा कि परमात्मा होता है या नहीं , आत्मा का अस्तित्व वास्तव में है और क्या पुनर्जन्म वास्तव में होता है ऐसे प्रश्नों को अव्याकृत कहकर इनकी चर्चा का निषेध किया।