अशरण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस अभागे को क्या मिल सकेगा नहीं , हे कृपामय तेरा कमल-कोमल-चरण।मौन बैठे हो क्यो मेरे अशरण शरण।
- यह जानकर मैं आपकी शरण में आया हुँ कि आप अशरण को शरण देने वाले हैं।
- भारत भर के मजदूरों और कामगारों का अशरण शरण कलकत्ता , पहली नजर में सचमुच इन्हीं का लगता है।
- हे दयाधाम मेरी मिटा दो कमीं कौन है आप से सोच-संशय-शमन- मौन बैठे हो क्यो मेरे अशरण शरण।।
- तेरी इच्छा में ही मेरा मंगल महा जैसे चाहो रखो जन को तारण-तरण- मौन बैठे हो क्यो मेरे अशरण शरण।।
- जैन धर्म में भी बारह भावनाओं का महत्व है-अनित्य , अशरण, संसार, एकत्व, अन्यत्व, अशुचि, आश्रव, संवर, निर्जरा, लोक और धर्म भावना।
- जैन धर्म में भी बारह भावनाओं का महत्व है-अनित्य , अशरण, संसार, एकत्व, अन्यत्व, अशुचि, आश्रव, संवर, निर्जरा, लोक और धर्म भावना।
- जैन धर्म में भी बारह भावनाओं का महत्व है-अनित्य , अशरण, संसार, एकत्व, अन्यत्व, अशुचि, आश्रव, संवर, निर्जरा, लोक और धर्म भावना ।
- जैन धर्म में भी बारह भावनाओं का महत्व है-अनित्य , अशरण, संसार, एकत्व, अन्यत्व, अशुचि, आश्रव, संवर, निर्जरा, लोक और धर्म भावना ।
- वस्तु स्वरूप के बार-बार चिन्तन का नाम अनुप्रेक्षा है उनमें नामों का क्रम इस प्रकार है - अध्रुव , अशरण, एकत्व, अन्यत्व, संसार, लोक, अशुचित्व, आस्रव, संवर, निर्जरा, धर्म और बोधि।