अशुभकारी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- राशियों पर प्रभाव मेष , वृषभ, कर्क, तुला, धनु, कुंभ, मकर और मिथुन के लिए विशेष फलदायी है, तो सिंह, कन्या, वृश्चिक और मीन के लिए ये योग अशुभकारी रहेगा।
- इस माह भी अशुभकारी पंचग्रही योग बनते हैं एवं मंगल का मकर रा शि पर स्थित रहना शनि ग्रह का सिंह राशि पर स्थित रहने से षडाष्टक योग बनता है।
- उन्हें लगता है कि ये भविष्य में काम आ सकती हैं पर इससे घर में कबाड़ ही इकट्ठा होता रहता है जो अशुभकारी ही होता है और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
- मेष , वृषभ , कर्क , तुला , धनु , कुंभ , मकर एवं मिथुन के लिए विशेष फलदायी है तथा सिंह , कन्या , वृश्चिक एवं मीन के लिए ये योग अशुभकारी रहेगा।
- मंगल : - मूँगा, ताम्रपात्र, मसूर की लाल दाल, लाल मूँगा, का दान मंगलवार को करना चाहिए ! यदि मंगल अधिक अशुभकारी हो तथा दुर्घटना का भय हो तो खून (रक्त) का दान किसी अंजान जरूरतमंद को करना चाहिए !
- राहु : - गोमेद, सीसा, तिल काला, काला वस्त्र का दान शनिवार को करना चाहिए ! राहु अधिक अशुभकारी हो तो जिन्दा मछलियों को जल में छोड़ना चाहिए ! “ओम भ्रां भ्रीं भ्रों सः राहवे नमः” मन्त्र का जप करना चाहिए !
- कभी कभी किसी किसी कुण्डली में ग्रहों की महा दशा ऐसी बन जाती है कि यह निर्णय करना कठिन हो जाता है कौन सा रत्न पहनना शुभकारी है तथा कौन सा पहनना अशुभकारी है ऐसी स्थिति में नवरत्न धारण करने चाहि ए .
- शनि : - नीलम, लोहा, उड़ददाल काला, नीलमणि, सरसों का तेल दान शनिवार को करना चाहिए ! यदि शनि अधिक अशुभकारी हो तो लोहे की कटोरी में सरसों का तेल ले कर उसमे अपने चेहरा देखने के बाद उस तेल में काले तिल दाल कर शनिवार को दान करना चाहिए !
- कुंडली में जब भी कोई ग्रह अशुभकारी होता है तो वो ग्रह अपनी दशा तथा गोचर में जातक को कष्ट प्रदान करता है जिससे निजात पाने के अनेक तरीके विद्वानों ने बताये है जिनमे से प्रमुख जो मैंने लोगो को बताये और जिनसे लोगो को फायदा हुआ है उनके बारे में यहाँ वर्णन कर रहा हूँ : -
- गोचर में अशुभकारी शुक्र होने पर यह स्वास्थ्य एवं धन की हानि करता है . स्त्री से पीड़ा, जननेन्द्रिय सम्बन्धी रोग, शत्रु बाधा रोजी रोजगार में कठिनाईयां गोचर में अशुभ शुक्र का फल होता है.द्वादश भाव में जब शुक्र गोचर करता है तब अशुभ होते हुए भी कुछ शुभ फल दे जाता है.आपकी कुंडली में इस समय कौन से ग्रह कहां गोचर कर रहे हैं?