असगन्ध का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तथा अश्वगंधा का ही अपभ्रंश हिन्दी नाम असगन्ध हुआ है . आधुनिक मत के अनुसार-असगन्ध, अवसाधक, स्वांपजनक और मूत्रजनक हैं.
- रसायन रूप में : असगन्ध का सेवन, रसायन के रूप में, स्त्री-पुरुष और बच्चे, जवान-बूढ़े सभी कर सकते हैं।
- रसायन रूप में : असगन्ध का सेवन, रसायन के रूप में, स्त्री-पुरुष और बच्चे, जवान-बूढ़े सभी कर सकते हैं।
- गुण : असगन्ध बलवर्द्धक, रसायन, कड़वी, गरम, वीर्यवर्द्धक तथा वायु, कफ, श्वेतकुष्ठ, शोथ तथा क्षय, इन सबको हरने वाली है।
- गुण : असगन्ध बलवर्द्धक, रसायन, कड़वी, गरम, वीर्यवर्द्धक तथा वायु, कफ, श्वेतकुष्ठ, शोथ तथा क्षय, इन सबको हरने वाली है।
- या सतावरी और असगन्ध के 5 ग्राम चूर्ण को दूध में उबाल कर पीने से नपुंसकता ठीक हो जाती है।
- आयुर्वेदिक योग अश्वगन्धादि चूर्ण : असगन्ध और विधारा के चूर्ण को समान मात्रा में मिलाकर यह योग बनाया जाता है।
- आयुर्वेदिक योग अश्वगन्धादि चूर्ण : असगन्ध और विधारा के चूर्ण को समान मात्रा में मिलाकर यह योग बनाया जाता है।
- प्रदर रोग : सलमपंजा , शतावरी , सफेद मूसली और असगन्ध सबका 50 - 50 ग्राम चूर्ण लेकर मिला लें।
- लगभग 250 मिलीलीटर गाय के दूध में लगभग 6 ग्राम असगन्ध नागौरी और 6 ग्राम शतावर को पीसकर डाल दें।