आन्वीक्षिकी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आन्वीक्षिकी का अर्थ है- प्रत्यक्षदृष्ट तथा शास्त्रश्रुत विषयों के तात्त्विक रूप को अवगत करानेवाली विद्या।
- वे सभी आचार्य आन्वीक्षिकी ( दर्शनशास्त्र ) को कोई स्वतंत्र विद्या या शास्त्र नहीं मानते थे।
- इस प्रकार आत्मविद्या अर्थात् दर्शन को अब आन्वीक्षिकी अर्थात् अनुसंधानरूपी विज्ञान का सहारा मिल गया।
- भारत के विद्याविद् आचार्यो ने विद्या के चार विभाग बताए हैं- आन्वीक्षिकी , त्रयी, वार्ता और दंडनीति।
- उन्होंने उपलब्ध न्यायसूत्रों का प्रणयन किया तथा इस आन्वीक्षिकी को क्रमबद्ध कर शास्त्र के रूप में प्रतिष्ठापित किया।
- हेतुविद्या , हेतुशास्त्र , युक्तिविद्या , युक्तिशास्त्र , तर्कविद्या तथा तर्कशास्त्र आदि इस आन्वीक्षिकी विद्या के नामान्तर हैं।
- तथापि ' न्यायभाष्य ' में वात्स्यायन ने स्पष्ट कहा है कि आन्वीक्षिकी का व्युत्पत्तिलभ्य अर्थ यही न्यायशास्त्र है।
- [ 30 ] अत : वेदविद्या की तरह इस आन्वीक्षिकी को भी विश्वसृष्टा का ही अनुग्रहदान मानना चाहिए।
- इस प्रकार गौतम का न्याय दर्शन हेतु विद्या और आत्म विद्या इन दोनों अर्थों में आन्वीक्षिकी सिद्ध हुआ।
- इस प्रकार गौतम का न्याय दर्शन हेतु विद्या और आत्म विद्या इन दोनों अर्थों में आन्वीक्षिकी सिद्ध हुआ।