आवर्जन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बढ़ते राजा का हाथ उठा करता आवर्जन , बोला : ” श्रेय नहीं कुछ मेरा : मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में वीणा के माध्यम से अपने को मैंने सब कुछ को सौंप दिया था - सुना आपने जो वह मेरा नहीं , न वीणा का था : वह तो सब कुछ की तथता थी महाशून्य वह महामौन अविभाज्य , अनाप्त , अद्रवित , अप्रमेय जो शब्दहीन सबमें गाता है ।