इंद्रधनु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसी आस्तिक भाव को एक सात्विक संकल्प का रूप देता है इस खण्ड का अंतिम गीत- मैं गगन में भी / धरा का / घर बसाना चाहता हूँ लो दिशाओं में / सुधी पुरवाइयों की गंध आई ओस में भीगी / शिरायें थरथराई , कसमसाई इंद्रधनु के रंग पीकर / भानुकुल का अंग छूकर भोर की मनहर / रंगोली को / बिछाना चाहता हूँ
- कविता संग्रह : भग्नदूत, चिन्ता, इत्यलम्, हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, इंद्रधनु रौंदे हुए ये, अरी ओ करूणा प्रभामय, आँगन के पार द्वार, पूर्वा (इत्यलम् तथा हरी घास पर क्षण भर), सुनहले शैवाल, कितनी नावों में कितनी बार, क्योंकि मैं उसे जानता हूँ, सागर-मुद्रा, पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ, महावृक्ष के नीचे, नदी की बाँक पर छाया, प्रिज़न डेज़ एण्ड अदर पोयम्स (अंग्रेजी में) और ऐसा कोई घर आपने देखा है।
- प्रमुख कृतियां : कविता संग्रह: भग्नदूत, चिन्ता, इत्यलम्, हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, इंद्रधनु रौंदे हुए ये, अरी ओ करूणा प्रभामय, आँगन के पार द्वार, पूर्वा (इत्यलम् तथा हरी घास पर क्षण भर), सुनहले शैवाल, कितनी नावों में कितनी बार, क्योंकि मैं उसे जानता हूँ, सागर-मुद्रा, पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ, महावृक्ष के नीचे, नदी की बाँक पर छाया, प्रिज़न डेज़ एण्ड अदर पोयम्स (अंग्रेजी में) और ऐसा कोई घर आपने देखा है।
- जागरण संवाददाता , भुवनेश्वर: इन्द्रधनु मार्केट के क्षुद्र व्यवसायी संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को राजधानी में रैली निकाली और विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। इस रैली व धरना में मार्केट के करीब सभी दुकानदार शामिल हुए। इ स अवसर पर इंद्रधनु मार्केट खुर्दा व्यवसायी संघ के सचिव नीलकंठ साहू ने कहा कि एक तरफ सरकार बड़े-बड़े माल बनाने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ करार कर रही है, मगर दूसरी तरफ करीब 20 साल से यहां पर दुकान करने के बावजूद हमें यहां से हटाया जा रहा है। सरकार नौकरी नह